टीएमसी सांसदों का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल गुरुवार यानी आज उपचुनाव के मुद्दे को लेकर इलेक्शन कमीशन से मिलेगा और इसे जल्द से जल्द पूरा करने का अनुरोध करेगा. प्रतिनिधिमंडल में सांसद सौगत रॉय, सुखेंदु रे, जवाहर सरकार, सजदा अहमद और मोहुआ मोइत्रा शामिल हैं. दो दिन पहले, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारत के चुनाव आयोग से राज्य में सात विधानसभा क्षेत्रों के लिए बिना किसी देरी के उपचुनाव कराने का आग्रह किया था.


ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग से किया आग्रह
ममता बनर्जी ने कहा था कि, “हमारा अनुरोध चुनाव आयोग से होगा, कि पहले ही चार महीने बीत चुके हैं (पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद से) और हमारी कोविज-19  स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है. लोगों को वोट डालने और विधानसभा में सदस्यों को चुनने का अधिकार है. चुनाव आयोग को तुरंत उपचुनावों की घोषणा करनी चाहिए और लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर अंकुश नहीं लगाना चाहिए. मुख्यमंत्री ने ये भी कहा था कि, “चुनाव आयोग ने पहले ही राजनीतिक दलों से राय मांगी है और उपचुनाव अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों में निर्धारित हैं, न कि निकटवर्ती क्षेत्रों में.”


कुर्सी से चिपकना चाहती हैं ममता बनर्जी- दिलीप घोष
वहीं पश्चिम बंगाल में बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी विधानसभा उपचुनाव कराने की जल्दी में हैं इसलिए हैं क्योंकि वह कुर्सी से चिपकना चाहती हैं. घोष ने कहा कि जब इस साल मार्च-अप्रैल में विधानसभा चुनाव चल रहे थे, तो उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त से राज्य भर में कोविज -19 संक्रमण फैलने के डर से इसे बीच में ही रोकने का आग्रह किया था.

बनर्जी के मुख्यमंत्री बने रहने के लिए उपचुनाव जरूरी


बनर्जी के मुख्यमंत्री बने रहने के लिए उपचुनाव महत्वपूर्ण हैं. दरअसल वह नंदीग्राम विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सुवेंदु अधिकारी से 1956 मतों के मामूली अंतर से हार गईं. बनर्जी को मुख्यमंत्री के रूप में चुने जाने के छह महीने के भीतर नवंबर के पहले सप्ताह तक राज्य विधानसभा के लिए निर्वाचित होना हैय

भवानीपुर विधानसभा सीट से लड़ सकती हैं चुनाव
बनर्जी के 2011 और 2016 में चुनी गई भवानीपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की संभावना है.बता दें कि भवानीपुर के विधायक ने पहले ही सीट से इस्तीफा दे दिया है. बता दें कि उन निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव होन है जहां मतदान के दौरान उम्मीदवारों की मृत्यु और निर्वाचित विधायकों की मृत्यु और निर्वाचित विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था. राज्य में भबनीपुर सहित सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. इनमें मुर्शिदाबाद में शमशेरगंज और सुती में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की मौत चुनाव से पहले हो गई थी. वहीं शांतिपुर और दिनहाटा जैसे निर्वाचन क्षेत्रों में निर्वाचित बीजेपी सांसदों (जगन्नाथ सरकार और निसिथ प्रमाणिक) ने शपथ नहीं ली थी. वहींर खरदाह और गोसाबा के विधायकों की चुनाव के बाद मृत्यु हो गई है.


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