यौन शोषण की शिकार 5 विदेशी लड़कियां शेल्टर होम से गायब, DCW ने जताई अनहोनी की आशंका
दिल्ली शेल्टर होम से लापता हुई लड़कियों के पास उनके पासपोर्ट और जरूरी दस्तावेज नहीं थे. नौकरी का झूठा वादा करके उनको उज्बेकिस्तान से भारत में वेश्यावृत्ति के पेशे में धकेल दिया गया था.
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Uzbek Women Missing Case: दिल्ली में नौकरी के झूठे वादे पर तस्करी कर लाई गईं 5 विदेशी लड़कियां शेल्टर होम से लापता हो गई हैं. इन लड़कियों को भारत लाकर वेश्यावृत्ति कराई जा रही थी. कुछ महीनों पहले इन लड़कियों ने भागकर अपनी शिकायत दिल्ली पुलिस को दी थी जिसके बाद से ही इन महिलाओं को शेल्टर होम में रखा जा रहा था.
कुछ महीने पहले चाणक्यपुरी इलाके में उज्बेकिस्तान की 7 लड़कियों ने पुलिस और दिल्ली महिला आयोग को बताया कि उनको उनके देश उज्बेकिस्तान से दिल्ली लाकर वेश्यावृत्ति के पेशे में धकेल दिया गया है लेकिन वह वहां से भागने में सफल रहीं. लड़कियों के बयान पर पुलिस ने चाणक्यपुरी थाने में एफआईआर दर्ज की. एफआईआर के बाद इन लड़कियों को शेल्टर होम में रखा गया था.
भारत लाते ही छीन लिए गए पासपोर्ट
बुधवार को दिल्ली महिला आयोग ने बताया कि इनमें से 5 लड़कियां शेल्टर होम से लापता हो गईं हैं. उन लड़कियों ने महिला आयोग को बताया था कि उनमें से कुछ को नेपाल के रास्ते दिल्ली लाया गया था और कुछ को अलग-अलग समय पर पर्यटक वीजा और मेडिकल वीजा पर सीधे भारत लाया गया था.
उन्होंने कहा कि जिन लड़कियों को नेपाल के रास्ते से दिल्ली लाया गया था उनके पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज नेपाल में ही छीन लिए गए थे और फिर उसके बाद उनको दिल्ली लेकर आया गया था. वहीं अन्य महिलाओं को मेडिकल वीजा पर दिल्ली लाया गया और लाते ही उनके ट्रैफिकर्स ने उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए.
अलग-अलग जगहों पर कई लोगों ने किया बालात्कार
महिलाओं ने अपनी शिकायत में बताया कि जब वे भारत पहुंची तो उनको वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया गया और जब उन्होंने इसका विरोध किया तो उनको धमकाया गया और उनसे मारपीट की गई. उनके ट्रैफिकर्स ने उनसे कहा कि अगर उन्होंने अपनी आवाज उठाई तो उनको पकड़कर जेल में डाल दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि दिल्ली में रहने के दौरान उनका अलग-अलग लोगों ने कई बार बालात्कार किया.
आयोग की शिकायत पर दर्ज किये गये मामले में पुलिस ने 10 में से 3 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया और 7 को पकड़ने में नाकाम रही. इन लड़कियों को अपने देश वापस जाने के लिए कागजों की जरूरत थी लेकिन दिल्ली पुलिस उनको उनके कागज दिलाने में भी असमर्थ रही इसलिए वह लड़कियां अपने देश वापस नहीं जा सकीं.
क्या बोलीं दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष?
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने अपने बयान में कहा कि सात उज़्बेक लड़कियों ने वुमेन ट्रैफिकिंग से से जुड़े एक बड़े अंतरराष्ट्रीय रैकेट का पर्दाफाश किया था. दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी लेकिन सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया और तस्करों से लड़कियों के पासपोर्ट भी बरामद नहीं किये गये.
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने बयान में कहा, "लड़कियां बड़ी मुश्किल से वहां से भाग निकलने में कामयाब हुईं. इन तस्करों ने इन लड़कियों का बंदूक लेकर पीछा किया. अब 7 में से 5 लड़कियां लापता हो गई हैं. उन्होंने कहा कि मुझे चिंता है कि इसके पीछे उन तस्करों का हाथ हो सकता है क्योंकि पुलिस अब तक उन तस्करों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है."
उन्होंने कहा कि मैंने दिल्ली पुलिस को इस सिलसिले में समन जारी किया है. मैं चाहती हूं कि दिल्ली पुलिस इन लड़कियों की आयोग के सामने सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करे. उन्होंने कहा, पुलिस अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठा सकी है. मेरी पुलिस से अपील है कि वह दिल्ली में चल रहे इस अंतरराष्ट्रीय सेक्स रैकेट के खिलाफ कार्रवाई करे.
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