Glacial Flood: मौत के मुंह के सामने खड़ी हैं भारत-पाकिस्ताान में 50 लाख जिंदगियां, पढ़ें रिसर्च टीम ने दी क्या चेतावनी
Flood Alert: भारत के साथ-साथ पड़ोसी देश में बाढ़ का खतरा हमेशा बना रहता है. पिछले साल ही दोनों देशों में बाढ़ का कहर सभी ने देखा ही. इसी को लेकर एक स्टडी सामने आई है.
Climate Change: पिछले साल यानि 2022 में भारत के कई हिस्सों में विनाशकारी बाढ़ आई थी तो वहीं पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी बाढ़ ने जमकर कहर बरपाया था, लेकिन ऐसा लगता है कि ये तो सिर्फ शुरुआत थी. अब भी दोनों देशों को इस तरह की कई आपदाओं का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि एक रिसर्च टीम ने पाया है कि भारत और पाकिस्तान में रहने वाले 50 लाख लोगों की जान जलवायु परिवर्तन की वजह से खतरे में है.
अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट इंडिया टुडे के मुताबिक, आने वाले समय में दोनों देशों को भयंकर बाढ़ का सामना करना पड़ेगा. ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड के सबसे बड़े जोखिम वाले क्षेत्रों का पहला वैश्विक मूल्यांकन सामने आया है, अध्ययन से पता चला है कि विश्व स्तर पर 15 मिलियन लोगों की जान जोखिम में हैं. ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली एक घटना है. जैसे-जैसे ग्रह गर्म होता है और ग्लेशियर तेजी से पीछे हटने लगते हैं, पिघला हुआ पानी ग्लेशियर के सामने झील बनाने के लिए जमा हो जाता है. इन झीलों में अचानक फटने की प्रवृत्ति होती है जिससे बड़ी मात्रा में पानी नीचे की ओर जमा हो जाता है.
बज रही है खतरे की घंटी
वैज्ञानिकों के मुताबिक ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (जीएलओएफ) अपने मूल स्थल से बड़ी दूरी तक तबाही मचा सकता है. कुछ मामलों में 120 किमी से अधिक दूरी तक विनाश कर सकता है. नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित नए अध्ययन में कहा गया है कि विस्फोट एक बड़े खतरे को दर्शाता है और इसके परिणामस्वरूप जीवन का महत्वपूर्ण नुकसान हो सकता है. विश्व स्तर पर, 1990 के बाद से, नीचे की ओर आबादी के साथ-साथ हिमनदी झीलों की संख्या और आकार में तेजी से वृद्धि हुई है.
इस यूनिवर्सिटी की टीम ने किया अध्ययन
न्यूकैसल यूनिवर्सिटी की टीम ने दुनिया भर में 1,089 ग्लेशियल झील घाटियों और झीलों के लगभग 50 किलोमीटर क्षेत्र में रहने वाली आबादी पर अध्ययन किया. इसके बाद उन्होंने वैश्विक स्तर पर जीएलओएफ से होने वाले नुकसान की क्षमता को मापने और रैंक करने के लिए इस जानकारी का उपयोग और लोगों की बाढ़ से निपटने की क्षमता का आकलन किया.
उन्होंने पाया कि 15 मिलियन (डेढ़ करोड़) लोग एक हिमनदी झील के 50 किमी के दायरे में रहते हैं और हाई माउंटेन एशिया में इसका सबसे ज्यादा खतरा है. इस क्षेत्र में तिब्बती पठार, किर्गिजिस्तान से लेकर चीन, भारत और पाकिस्तान शामिल हैं. अध्ययन से पता चला है कि भारत और पाकिस्तान में रहने वाले 5 मिलियन लोगों के साथ 9.3 मिलियन लोग संभावित रूप से जोखिम में हैं. इस अध्ययन में भारत पाकिस्तान और चीन के अलावा पेरू को भी शामिल किया गया. जहां पर ग्लेशियल लेक फ्लडिंग का खतरा है.
ये भी पढ़ें: Climate Change: अगर धरती पर मौजूद सारी बर्फ रातों-रात पिघल जाए तो क्या होगा?... जवाब पढ़िए