50 years of Emergency: साल 1975 में 25 जून की आधी रात को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की थी. इस घोषण के बाद देश में सब कुछ बदल गया था. इंदिरा गांधी के अनुरोध पर तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने आपातकाल का ऐलान किया था. इसे आजाद भारत के सबसे खराब दौर में से एक था. लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने इसे इतिहास की सबसे 'काली अवधि' की संज्ञा दी थी. देश में आपातलकाल 21 मार्च 1977 तक चला था.
इस दौरान जयप्रकाश नारायण, लालकृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी, जॉर्ज फर्नाडीस आदि बड़े नेताओं को जेल में बंद कर दिया था. इसके अलावा लाखों लोगों को गिरफ्तार किया गया था. इस समय प्रेस की आजादी छीन ली गई थी और मीडिया पर सेंसरशिप लगा दी गई थी.
जानें कैसे तैयार हुई थी इमरजेंसी की पृष्ठभूमि
कुछ कारणों की वजह से देश की न्यायपालिका और इंदिरा गांधी के बीच टकराव शुरू हो गया था. 27 फरवरी, 1967 को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने आपातकाल की पृष्ठभूमि को तैयार कर दिया था. इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस सुब्बाराव के नेतृत्व वाली एक खंडपीठ ने फैसला सुनाते सुनाते हुए कहा था, 'सदन में दो तिहाई बहुमत के साथ भी किसी संविधान संशोधन के जरिए मूलभूत अधिकारों के प्रावधान को न तो खत्म किया जा सकता है और न ही इन्हें सीमित किया जा सकता है.
इस फैसले ने किया था इंदिरा गांधी को आक्रोशित
इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने 1971 के चुनाव में बड़ी जीत हासिल की थी. हालांकि उनकी जीत पर सवाल उठाते हुए उनके चुनावी प्रतिद्वंद्वी राजनारायण ने 1971 में अदालत का दरवाजा खटखटाया था. राजनारायण ने आरोप लगाया था की इंदिरा गांधी ने जीत के लिए गलत तारीओं को इस्तेमाल किया है. मामले की सुनवाई के बाद इंदिरा गांधी के चुनाव को निरस्त कर दिया था. जिस पर गुस्से में आकर इमरजेंसी लगाने का फैसला किया.
इनके कहने पर लगाई थी इमरजेंसी
एक इंटरव्यू में इंदिरा गांधी के प्राइवेट सेक्रेटरी रहे दिवंगत आर.के. धवन ने खुलासा किया था कि इमरजेंसी को लेकर सोनिया और राजीव गांधी के मन में कोई पछतावा नहीं था. पश्चिम बंगाल के तत्कालीन सीएम एसएस राय की सलाह पर ही इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाने का फैसला किया था.
उन्होंने ये भी बताया था कि 977 के चुनाव इंदिरा गांधी ने इसी वजह से कराए थे क्योंकि आईबी ने उन्हें बताया था कि वो 340 सीट जीत जाएगी. लेकिन उन चुनावों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था.