The 500 Most Influential Muslims: दुनिया में 500 सबसे ज्यादा प्रभावशाली मुस्लिम हस्तियों की लिस्ट जारी की गई है. इसमें भारतीय इस्लामिक गुरु का नाम भी शामिल है. यह और कोई नहीं, बल्कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी (Maulana Mahmood Madani) हैं जोकि दुनिया की सबसे प्रभावशाली मुस्लिम शख्सियतों में शामिल हो गए हैं. यह लिस्ट जॉर्डन के एनजीओ 'द रॉयल ऑल अल बैत इंस्टीट्यूट फॉर इस्लामिक थॉट' (RABIIT) की तरफ से पब्लिश की गई है. 

महमूद मदनी को दुनियाभर के प्रभावशाली मुस्लिम हस्तियों की लिस्ट में 15वां स्थान मिला है. मदनी का जन्म 3 मार्च 1964 को उत्तर प्रदेश के देवबंद में एक इस्लामिक विद्वान और राजनीतिज्ञ असद मदनी के रूप में हुआ था. उनके दादा हुसैन अहमद एक स्वतंत्रता सेनानी और दारुल उलूम के प्रमुख थे. मदनी की पढ़ाई दारुल उलूम देवबंद इस्लामी मदरसा से हुई है. 1992 में ग्रेजुएशन करने के बाद वह बिजनेस फील्ड में आगे बढ़ गए थे लेकिन कुछ समय बाद वह समाज सेवा और राजनीति के रास्ते पर चलने लगे. 

गुजरात में आए भूकंप के बाद मिली बड़ी पहचान

लंबे समय से सामाजिक कार्यों से जुड़े मौलाना महमूद मदनी को गुजरात में 2001 में आए भूकंप के बाद उनके राहत कार्यों के लिए काफी पहचान मिली. यहां उन्होंने राहत और पुनर्वास का काम किया, जिससे उन्हें राष्ट्रीय पहचान मिली गई थी. 2002 में जातीय-धार्मिक हिंसा के बाद जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने मौलाना महमूद मदनी के नेतृत्व में राहत कार्य के लिए अभियान चलाया. इस राहत कार्य ने उनके कद को और बढ़ा कर दिया था. वे 2001 से 2008 तक जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव चुने गए. 

सपा से राजनीतिक जीवन की शुरुआत की

मौलाना महमूद मदनी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत समाजवादी पार्टी से की थी. 2006 से 2012 तक उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य रहे मदनी के सामाजिक और राजनीतिक कार्यों को देखते हुए जमीयत उलमाए हिंद की सहारनपुर जिला शाखा ने उन्हें अध्यक्ष बनाया. कुछ समय बाद, मौलाना महमूद मदनी राज्य के उपाध्यक्ष और फिर जमीयत उलमा-हिंद के उपाध्यक्ष बने. 

देश में आतंकवाद विरोधी अभयान चलाया 

मौलाना मदनी ने देश में आतंकवाद विरोधी अभियान भी चलाया. उन्होंने देवबंद के उलेमाओं की ओर से आतंकवाद के खिलाफ फतवा जारी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. दिल्ली के रामलीला मैदान, हैदराबाद और मुंबई में रैलियां कर मुसलमानों और उलेमाओं को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट करने का काम किया. मदनी देश भर में 40 से अधिक स्थानों पर आतंकवाद विरोधी कार्यक्रम आयोजित करते हैं. 

'हम बैचेन नहीं, बाइचॉइस इंडियन हैं'

मौलाना मदनी ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) जैसे मुद्दों के खिलाफ भी आवाज उठाई है. सीएए के खिलाफ देशव्यापी विरोध शुरू करने को लेकर भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी. उस दौरान देशभर में 1000 से ज्यादा जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए. एक टीवी कार्यक्रम में उन्होंने कहा था 'हम बैचेन नहीं, बाइचोइस इंडियन हैं. हमने भारत को चुना'. 

लिस्ट में किसे मिला है पहला स्थान?

इस लिस्ट में सबसे पहला नाम सऊदी अरब के बादशाह सलमान बिन अब्दुल-अजीज अल-सऊद का है और दूसरे स्थान पर सऊदी अरब के कट्टर विरोधी ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को जगह मिली है. सूची में तीसरा स्थान कतर के शासक शेख तमीम बिन हमाद अल थानी को मिला है और चौथे नंबर पर तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन ने कब्जा किया है. बड़ी बात यह है कि इस लिस्ट में तालिबान, हिजबुल्लाह जैसे आतंकवादी संगठनों से जुड़े लोगों को भी जगह दी गई है. 

लिस्ट में शामिल टॉप 10 हस्तियां 

स्थान नाम 
1. किंग सलमान बिन अब्दुल-अजीज अल-सऊद
2. अयातुल्लाह अली खामेनेई
3. तमीम बिन हमाद अल थानी
4. रेचेप तैयप एर्दोगन
5. किंग अब्दुल्ला द्वितीय इब्न अल-हुसैन
6. न्यायमूर्ति शेख मोहम्मद तकी उस्मानी
7. किंग मोहम्मद VI
8. शेख मोहम्मद बिन जाएद अल-नाहयान
9. अयातुल्ला सैय्यद अली हुसैन अल सिस्तानी
10. मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुल-अजीज अल-सऊद


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