केरल की कम से कम 500 नर्सें जिन्हें हाई सैलरी और अन्य भत्तों का वादा किया गया था, अब संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में एजेंटों द्वारा कथित तौर पर ठगे जाने के बाद फंसी हुई हैं. वहां फंसी कुछ नर्सों ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को पत्र लिखा है. हालांकि, उनके ऑफिस ने कहा कि उन्हें ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है. उन नर्सों में से एक 30 वर्षीय रीना राजन ने कहा कि उसने न्यूजपेपर में एक विज्ञापन के बाद नौकरी के लिए आवेदन किया था. उस विज्ञापन के अनुसार, यूएई कोरोना महामारी की स्थिति को देखते हुए तत्काल आधार पर नर्सों की भर्ती कर रहा था और केरलवासियों को वरीयता दी जा रही थी.
राजन ने बताया, “मुझे एजेंट को 2.30 लाख रुपये देने पड़े. एजेंट ने मुझे बताया कि उनके संयुक्त अरब अमीरात पहुंचने के बाद वर्क वीजा दिया जाएगा. हमें लगभग एक महीने तक गंदे कमरों में रखा गया." उन्होंने आगे कहा, "कुछ नर्स तब वापस लौट आईं जब उन्हें पता चला कि उनके साथ धोखा हुआ है. हमें दो महीने पहले कोच्चि स्थित एक एजेंसी 'टेक ऑफ' द्वारा भर्ती किया गया था. अब ये एजेंट कह रहे हैं कि हम केयर होम और मसाज पार्लर में काम कर सकते हैं."
पुलिस ने अबतक दर्ज नहीं की है शिकायत
राजन ने बताया कि उन्होंने नया काम संभालने के लिए कोल्लम के एक निजी अस्पताल में नौकरी छोड़ दी थी. राजन ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को अपनी दुर्दशा बताते हुए एक पत्र भेजा है और विधायक केबी गणेश कुमार के साथ इस मुद्दे को उठाया है. वहीं, सीएम ऑफिस ने कहा कि उन्हें ऐसी कोई शिकायत के बारे में पता नहीं है. गौरतलब है कि पुलिस ने इस मामले में अभी कोई शिकायत दर्ज नहीं की है.
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