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कोरोना की दूसरी लहर ने कितने बच्चों से माता-पिता का साया छीनकर उन्हें यतीम बना दिया, जानिए- आंकड़े

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास द्वारा तैयार डाटा बेस के मुताबिक 1 अप्रैल 2021 से 25 मई 2021 के बीच सभी राज्यों में 577 बच्चे कोरोना में अपने माता-पिता को गंवाने के कारण अनाथ हो गए हैं. केंद्र सरकार इन अनाथ हुए बच्चों को मदद पहुंचाने की कोशिश कर रही है. कई राज्य पहले ही अनाथ हुए बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी उठाने और उन्हें आर्थिक मदद पहुंचाने का ऐलान कर चुकी हैं.

कोरोना के कहर ने दूसरी लहर में देश के 577 मासूमों के माता-पिता को उनसे छीन लिया. केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने राज्य द्वारा भेजे गए आंकड़ों के आधार पर अनाथ बच्चों का डाटाबेस तैयार किया है. इसके मुताबिक 1 अप्रैल 2021 से 25 मई 2021 के बीच सभी राज्यों से 577 ऐसे बच्चों का पता चला है जिनके माता-पिता दोनों कोरोना की चपेट के कारण मौत की मुंह में चले गए हैं. केंद्र सरकार इन अनाथ हुए बच्चों को मदद पहुंचाने की कोशिश कर रही है. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय इसे लेकर राज्यों के संपर्क में हैं. मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली समेत कई राज्य पहले ही कोरोना की वजह से अनाथ हुए बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी उठाने और उन्हें आर्थिक मदद पहुंचाने का ऐलान कर चुके हैं.

केंद्र सरकार हरसंभव मदद देगी
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने राज्यों से मिली रिपोर्ट का हवाला देते हुए मंगलवार को कहा कि एक अप्रैल से 577 बच्चे कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर में अपने माता-पिता के निधन के कारण अनाथ हो गए. उन्होंने कहा कि सरकार कोविड के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले हर बच्चे के संरक्षण एवं सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है. ईरानी ने ट्वीट किया,  भारत सरकार हर उस बच्चे का सहयोग एवं संरक्षण करने के लिए प्रतिबद्ध है जिन्होंने कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता को खो दिया है. राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की ओर से जानकारी दी गई है कि एक अप्रैल से 577 बच्चों के माता-पिता की कोरोना के कारण मौत हुई है. 

जिला प्रशासन के संरक्षण में बच्चे
हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि ये बच्चे अकेले नहीं हैं और वे जिला प्रशासन के संरक्षण एवं देखरेख में हैं. स्मृति ईरानी ने कहा, अगर ऐसे बच्चों को काउंसलिंग की जरूरत पड़ती है तो राष्ट्रीय मानसिक जांच एवं तंत्रिका विज्ञान संस्थान (निमहंस) में टीम तैयार है. उनका यह भी कहना था कि बच्चों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए धन की कोई कमी नहीं है. कोरोना की वजह से अनाथ हुए बच्चों को मदद पहुंचाने के लिए केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय राज्य सरकारों के संपर्क में है.

कई राज्य बच्चे की मदद के लिए आगे आए
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, यूपी, गुजरात उत्तराखंड जैसे राज्यों ने कोरोना की दूसरी लहर में अनाथ हुए बच्चों की जिम्मेदारी उठाने का ऐलान किया है. इन राज्यों ने बच्चों के लिए मासिक सहायता राशि का भी ऐलान किया है. मध्य प्रदेश सरकार ने अनाथ हुए बच्चों के लिए हर महीने 5,000 की मासिक सहायता राशि का ऐलान किया है. वहीं दिल्ली सरकार ने भी 2,500 रुपये मासिक सहायता का ऐलान किया है. बिहार सरकार ने भी ऐसे बच्चों को 1,000 रुपये की मासिक मदद देने की बात कही है. इसके अलावा कई एनजीओ भी बच्चों की मदद को आगे आए हैं.

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