नई दिल्ली: देश में कोरोना की दूसरी लहर तेजी से बढ़ रही है, पिछले 45 दिनों में देश में कोरोना के नए मामलों की रफ्तार छह गुना तक बढ़ गयी है. बढ़ते कोरोना को लेकर सरकार की ओर से गाइडलाइंस जारी की गयी हैं. कोरोना की इस दूसरी लहर ने अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है. दरअसल कोरोना की दूसरी लहर में बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैं. माना जा रहा है कि देश में कोरोना का कोई नया स्ट्रेन आया है, जिसकी वजह नए मामलों की रफ्तार में तेजी आयी है, साथ ही इस लहर में कम उम्र के युवा और बच्चे भी शामिल हैं. मार्च के महीने में बेंगलूरु में दस साल से कम उम्र के करीब 500 से ज्यादा बच्चे कोरोना पॉजिटिव पाए गए.
बच्चों में बढ़ते कोरोना के खतरे के बीच अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर गंभीर चिंता में हैं. देश के अधिकांश हिस्से में अप्रैल से स्कूलों का नया सत्र शुरू हो रहा है. नए सत्र में बच्चों की सेहत की चिंता को लेकर अभिभावकों ने सर्वे एजेंसी लोकल सर्किल के प्लेटफॉर्म पर अपनी चिंताएं जाहिर की हैं. दरअसल लोकल सर्किल पिछले साल अप्रैल के महीने से ही अभिभावकों से कोरोना के बीच बच्चों के स्कूल को लेकर प्रतिक्रियाएं ले रहा है. इसमें स्कूलों का दोबारा खुलना, ऑनलाइन क्लासेस आदि अनेक विषय शामिल हैं.
लोकल सर्किल के सर्वे के मुताबिक स्कूलों के दोबारा खोलने को लेकर 'बहुमत' के तौर पर इनकार कर दिया था. लेकिन जनवरी 2021 में कोरोना के मामलों मे कमी को देखते हुए स्कूलों के दोबारा खोलने के मुद्दे पर राय थोड़ी बदली नजर आयी. फरवरी के शुरुआत में 67% अभिभावकों ने स्कूलों के दोबारा खोले जाने पर सहमति जतायी थी.
कोरोना के खतरे को देखते हुए लोकल सर्किल ने एक बार फिर अभिभावकों के बीच सर्वे करवाया है. लोकल सर्किल के सर्वे में पूछा गया कि अगर केंद्र, राज्य या फिर जिला प्रशासन स्कूल को फिर से खोलने का निर्णय करता है तो क्या आप बच्चों को स्कूल भेजेंगे? इस सवाल के जवाब में सिर्फ 25% लोगों ने ही हां कहा, जबकि 58% लोगों ने मना कर दिया. 10% ने कहा कि हमारे बच्चों का स्कूल अप्रैल में गर्मी की छुट्टियों के लिए पहले से ही बंद है. जबकि 7% ने कहा कुछ बताने इनकार कर दिया. इस सवाल के जवाब में 9,687 लोगों की प्रतिक्रिया आयी.
दूसरे सवाल में लोकल सर्किल ने पूछा कि आप किन मानदंडों के आधार पर बच्चों को दोबारा स्कूल भेजेंगे? इसके जवाब में 73% लोगों ने कहा कि जब तक जिले में कोरोना के एक्टिव केस 100 से ज्यादा हैं. सर्वे में 29% लोगों ने कहा ' जब तक जिले में कोरोना के एक्टिव केस 100 से ज्यादा हैं', 18% ने कहा कि जब तक जिले में कोरोना के एक्टिव केस 200 से ज्यादा हैं. 7% ने कहा कि जब तक जिले में कोरोना के एक्टिव केस 500 से ज्यादा हैं. जबकि पांच प्रतिशत ने कहा कि जब तक जिले में कोरोना के एक्टिव केस 100 से ज्यादा हैं बच्चों के स्कूल बंद रहने जाहिए.
इसी सवाल के जवाब में सर्वे में शामिल 21% लोगों ने कहा कि जब तक जिले में एक भी कोरोना का केस है तब तक स्कूल नहीं खुलने चाहिए. सर्वे में सामने आया कि करीब 73% अभिभावक चाहते हैं कि जब तक जिले में एक भी कोरोना का केस है, बच्चों के स्कूल नहीं खुलने चाहिए. इस सवाल के जवाब में लोकल सर्किल को 8,613 लोगों की प्रतिक्रिया मिली.
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