नई दिल्ली: मणिपुर में कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है. यहां पार्टी के 6 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. इससे पहले एन बीरेन सिंह सरकार के विधानसभा में फ्लोर टेस्ट देने के दौरान कांग्रेस के आठ विधायकों ने पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुए सदन की कार्यवाही में भाग नहीं लिया था. मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 24 विधायक हैं. वहीं तीन विधायकों के इस्तीफे और दल-बदल कानून के तहत चार विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद अब सदन में सदस्यों की संख्या 53 है.


बीरेन सिंह सरकार ने 28 वोट से हासिल किया विश्वास मत


इससे पहले एन बीरेन सिंह सरकार ने राज्य विधानसभा में 16 के मुकाबले 28 वोट से विश्वास मत हासिल किया. सिंह के विश्वास प्रस्ताव को विधानसभा में लंबी चर्चा के बाद मत-विभाजन के लिए रखा गया जिसमें बीजेपी की सरकार सफल रही. सोमवार को विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया था.


विश्वास मत हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि हमने ध्वनि मत से विश्वास मत जीता है. अध्यक्ष ने जो कुछ भी किया वह नियमानुसार है. विपक्षी विधायक कम संख्या में थे.


मणिपुर में कानून का शासन नहीं है- ओकाराम इबोबी


वहीं कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ओकाराम इबोबी सिंह ने कहा कि मणिपुर में कानून का शासन नहीं है. हम मत विभाजन की मांग कर रहे थे. वे (भाजपा) इसे पसंद नहीं करते हैं. सत्तारूढ़ पार्टी के भीतर, बहुत से लोग इस सरकार को पसंद नहीं करते हैं.


कांग्रेस के 8 विधायकों ने किया था व्हिप का उल्लंघन


बता दें कि कांग्रेस के आठ विधायकों ने पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुए सदन की कार्यवाही में भाग नहीं लिया था. मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 24 विधायक हैं. तीन विधायकों के इस्तीफे और दल-बदल कानून के तहत चार विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद अब सदन में सदस्यों की संख्या 53 है.


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