नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मोस्ट वांटेड क्रिमिनल्स की टॉप टेन लिस्ट में शुमार कुख्यात बदमाश हाशिम बाबा को शूटआउट के बाद गिरफ्तार कर लिया है. यह मुठभेड़ आज सुबह लगभग 5 और 6 बजे के बीच में शाहदरा जिला के सुभाष पार्क इलाके में हुई, जिसमें हाशिम बाबा के पैर में गोली लगी है. हाशिम बाबा के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास जैसे कई मामले दर्ज हैं. हाशिम बाबा अपना गैंग चला रहा था. कुछ साल पहले तक वह कुख्यात नासिर गैंग के साथ मिलकर यमुनापार में अपराध की दुनिया में सक्रिय था, लेकिन किसी बात को लेकर नासिर और हाशिम बाबा के बीच दूरियां बन गई, जिसके बाद दोनों एक दूसरे की जान के दुश्मन हो गए. यमुनापार खासतौर से नॉर्थईस्ट इलाके में एक दशक से भी ज्यादा समय से चली आ रही गैंगवार में हाशिम बाबा की भूमिका काफी अहम रही है.


कुख्यात डॉन दाऊद की तरह अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहता था हाशिम बाबा


हाशिम बाबा कुख्यात डॉन दाऊद इब्राहिम से काफी प्रभावित था और राजधानी दिल्ली में अपना वर्चस्व कायम करना चाहता था. यही कारण भी है कि उसने अपने गैंग का नाम बी-कंपनी रखा था. हाशिम बाबा के कई वीडियो सोशल मीडिया पर भी उपलब्ध हैं, जिसमें वह फिल्मी अंदाज में फोटो खिंचवाने या अपने वीडियो बनवाने लगा रहता था.


6 लाख का था इनाम


हाशिम बाबा की गिरफ्तारी पर कुल 6 लाख का इनाम था, जिसमें से 5 लाख का इनाम दिल्ली पुलिस की तरफ से थे और 1 लाख का इनाम यूपी पुलिस ने घोषित किया हुआ था.


गर्ल फ्रेंड से मिलने आया था


स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद कुशवाहा ने बताया कि स्पेशल सेल को सूचना मिली कि कुख्यात बदमाश हाशिम बाबा अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने के लिए शाहदरा के सुभाष पार्क इलाके में आने वाला है. पुलिस ने सूचना के आधार पर इलाके में घेराबंदी कर ली और फिर एक घर को चिन्हित कर लिया. बाहर हाशिम बाबा की बाइक खड़ी हुई थी. जैसे ही हाशिम बाबा उस घर से बाहर निकला और अपनी बाइक पर सवार हुआ, पुलिस ने उसे रुकने का इशारा किया. हाशिम ने पुलिस पर 3 राउंड फायरिंग की, जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की और एक गोली बाबा के पैर में लगी, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. पहले उसे जब प्रवेश चंद्र अस्पताल ले जाया गया, जहां से अस्पताल में रेफर कर दिया गया. हाशिम बाबा की हालत ठीक है और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है.


सड़क किनारे लेडीज चप्पल और पर्स बेचते बेचते अपराध की दुनिया में बी-कंपनी चलाने लगा हाशिम बाबा


पुलिस का कहना है कि हाशिम बाबा महज आठवीं क्लास तक पढ़ा है. उसके पिता लेडीज चप्पल और पर्स बनाने की फैक्ट्री में काम करते थे. हाशिम बाबा ने आठवीं तक पढ़ाई की और उसके बाद वह पिता के साथ काम धंधा करने लगा. वह मुस्तफाबाद इलाके में सड़क किनारे लेडीज चप्पल और पर्स बेचता था, लेकिन उसकी संगत गलत लोगों के साथ हो गई और वह लड़ाई झगड़ों में शामिल हो गया. उसके खिलाफ आपराधिक मामले भी दर्ज होने लगे और फिर वह अपराध की दुनिया में सक्रिय हो गया. उसकी दोस्ती कुख्यात नासिर और नादिर से हुई और फिर ये सब मिलकर अपना गैंग चलाने लगे.


गैंग नासिर के नाम से मशहूर हुआ, जिसमें हाशिम बाबा, राशिद केबल आदि जैसे कुख्यात बदमाश शामिल हो गए. इनकी दुश्मनी अकील मामा गैंग से थी और दुश्मनी की वजह सट्टेबाजों से जबरन वसूली थी. जमुनापार के सट्टेबाज प्रोटेक्शन के लिए अकील मामा और नासिर गैंग को भी पैसा दिया करते थे. वर्चस्व को लेकर दोनों गैंग में तनातनी बढ़ती गई और फिर गैंगवार का सिलसिला शुरू हो गया. दोनों ही गैंग के बदमाश एक दूसरे गैंग के लोगों को मारते रहे. इनकी दुश्मनी कुख्यात छेनू गैंग से भी हो गयी. इन लोगों ने कड़कड़डूमा अदालत में छेनू पर गोलियां चलवाई. छेनू बुरी तरह घायल हुआ लेकिन उसकी जान बच गई.


नासिर और हाशिम की दुश्मनी


पुलिस सूत्रों का कहना है कि कुछ साल पहले हाशिम बाबा और नासिर के बीच में झगड़ा हो गया और इन दोनों के बीच में खूनी खेल शुरू हो चुका है. 2 से 3 साल के अंदर ये दोनों एक दूसरे के गैंग के कई सदस्यों को मार चुके हैं. झगड़े की वजह नासिर का राजनीति में मुकाम हासिल करने का सपना बताया जा रहा है. नासिर ने राजनीति में कदम रखने की शुरुआत की थी, तब कुछ लोगों ने हाशिम बाबा को भड़काया कि नासिर काम तुमसे करवाता है और अपना नाम करवाता है. अब वो नेता बन जायेगा और तुम उसके लिए काम करते रह जाओगे. इसके बाद से ही नासिर और हाशिम के बीच दूरियां शुरू हुई और गैंगवार भी.


हाशिम बाबा की बी कंपनी


हाशिम बाबा अब बी कंपनी के नाम से अपना गैंग चला रहा है. उसने यमुनापार के कुछ पुराने गैंग के साथ हाथ भी मिला लिया है. उसके साथ राशिद केबल आदि बदमाश शामिल हैं.