प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े मामले में दिल्ली, गुरुग्राम, जोधपुर, झुंझुनू, हैदराबाद, पुणे और कोलकाता स्थित 13 स्थानों पर छापेमारी की है. यह कार्रवाई केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज किए गए दो मामलों के आधार पर की गई है. इस साइबर फ्रॉड का कुल आंकड़ा करीब 640 करोड़ रुपये तक पहुंचता है, जिसमें सट्टा, जुआ, पार्ट टाइम जॉब और फिशिंग स्कैम जैसे तरीकों से धोखाधड़ी की गई.


ईडी की जांच में सामने आया कि अपराध से हासिल धनराशि को यूएई आधारित प्लेटफॉर्म PYYPL पर अपलोड कर भारतीय बैंकों के मास्टर और वीज़ा कार्ड के जरिए दुबई में निकाला गया. छापेमारी के दौरान ईडी ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, चेक बुक, एटीएम कार्ड, पैन कार्ड और डिजिटल सिग्नेचर भी बरामद किए हैं. इसके साथ ही 47 लाख रुपये नकद और 1 करोड़ 36 लाख रुपये की क्रिप्टोकरेंसी भी जब्त की गई है.


चार्टर्ड अकाउंटेंट और क्रिप्टो ट्रेडर्स की मिलीभगत आई सामने


ईडी को जांच के दौरान कुछ चार्टर्ड अकाउंटेंट, कंपनी सेक्रेटरी और क्रिप्टो ट्रेडर्स के गठजोड़ का पता चला है. इस सर्च ऑपरेशन में चार्टर्ड अकाउंटेंट अजय और विपिन यादव के साथ क्रिप्टो ट्रेडर जितेंद्र को गिरफ्तार किया गया है. इन तीनों पर पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत कार्रवाई की गई है.


ईडी के अधिकारी पर हमला, आरोपी गिरफ्तार


इस छापेमारी के दौरान चार्टर्ड अकाउंटेंट अशोक कुमार शर्मा के ठिकाने पर हमला भी हुआ. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने ईडी की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए राधेश्याम शर्मा को गिरफ्तार किया है, जो अशोक कुमार शर्मा का भाई बताया जा रहा है. फिलहाल अशोक कुमार शर्मा फरार है और उसकी तलाश जारी है.


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