Death Cases In Police Custody in India: भारत में पिछले पांच वर्षों में पुलिस हिरासत में साढ़े छह सौ से ज्यादा मौतें हुईं. गृह मंत्रालय ने यह जानकारी संसद में एक लिखित जवाब में दी. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में बताया कि पिछले पांच वर्षों में देशभर में पुलिस हिरासत हुई मौतों के कुल 669 मामले दर्ज किए गए. मौतों का यह आंकड़ा 1 अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2022 तक का है.
बता दें कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों का हवाला देते हुए मंत्री नित्यानंद राय ने यह जानकारी सदन में दी.
इन वर्षों में पुलिस हिरासत में हुईं इतनी मौतें
मंत्री नित्यानंद राय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, 2021-2022 के दौरान पुलिस हिरासत में मौत के कुल 175 मामले दर्ज किए गए. वहीं. 2020-2021 में 100, 2019-2021 में 112, 2018-2019 में 136 और 2017-2018 में 146 मौत के मामले दर्ज किए गए.
राय ने आगे कहा, "एनएचआरसी ने 1 अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2022 की अवधि के दौरान पुलिस हिरासत में मौत की घटनाओं में 201 मामलों में 5,80,74,998 रुपये की आर्थिक राहत और एक मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की. हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था राज्य के विषय हैं. उन्होंने कहा कि मानवाधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सबसे पहले संबंधित राज्य सरकार की जिम्मेदारी है.
मंत्री नित्यानंद राय ने आगे यह कहा
मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि केंद्र सरकार समय-समय पर सलाह जारी करती है और मानवाधिकार अधिनियम (पीएचआर), 1993 भी लागू किया है, जो लोक सेवकों की ओर से किए गए कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन की जांच करने के लिए एनएचआरसी और राज्य मानवाधिकार आयोगों की स्थापना को निर्धारित करता है.
उन्होंने कहा कि जब एनएचआरसी को मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन की शिकायतें मिलती हैं तो आयोग मानवाधिकार कानून के तहत निर्धारित प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई करता है.