चक्रवात ‘बुलबुल’ से पश्चिम बंगाल में 7 लोगों की मौत, जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बातचीत की. उन्होंने आपदा से निपटने के लिये राज्य को हर संभव मदद का आश्वासन दिया.
कोलकाता: 'बुलबुल' चक्रवात ने पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में दस्तक दे दी है. आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक इस वजह से 7 लोगों की जान जा चुकी है. वहीं चक्रवात के कारण रविवार सुबह तक तेज हवाओं के साथ बारिश हुई. तेज हवाओं के चलते सैकड़ों पेड़ उखड़ गये. शहर में बिजली के तार टूट गए. जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया.
आपको बता दें कि चक्रवात की वजह से सिर्फ उत्तर परगना में 5 लोगों की मौत हो गयी. चक्रवात ‘बुलबुल’ के कारण मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अगले सप्ताह उत्तर बंगाल की अपनी यात्रा रद्द करने का फैसला किया है. वह सोमवार को नामखाना और बक्खाली के आस-पास प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगी. इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बातचीत की. साथ ही आपदा से निपटने के लिये राज्य को हर संभव मदद का आश्वासन दिया.
चक्रवात के कारण इन लोगों की हुई मौत-
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार जिले के बशीरहाट इलाके के पुरबा मकाला गांव में 70 साल की सुचित्रा मंडल पर एक पेड़ गिर पड़ा. जिससे उनकी मौत हो गयी. इसके अलावा गोखना गांव में कई पेड़ उखड़ गये. इनमें एक पेड़ की चपेट में आने से 47 साल की रेबा बिस्वास की मौत हो गयी. अधिकारी ने बताया कि जिले में एक लैम्प पोस्ट के संपर्क में आने से बिजली का झटका लगने के कारण 59 साल के मनिरुल गाजी की मौत हो गयी. वहीं एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि जिले में 2 और लोगों के मरने की सूचना है जिनमें से एक व्यक्ति की मौत दीवार ढहने से और अन्य की मौत पेड़ गिरने के कारण उसकी चपेट में आने से हुई. पूर्वी मिदनापुर में भी एक गिरते पेड़ की चपेट में आकर एक व्यक्ति की मौत हो गयी.
आपको बता दें शनिवार को तटीय इलाकों शहर में भारी बारिश हुई. जिसके कारण एक जाने माने क्लब के कर्मचारी पर पेड़ की शाखा टूटकर गिर गई. जिससे उसकी मौत हो गई. शनिवार को पूरे दिन महानगर में मूसलाधार बारिश होती रही. जिससे लोग घरों के अंदर रहे. तटीय जिलों दक्षिण 24 परगना और पूर्वी मिदनापुर और उत्तर 24 परगना जिले के आस-पास के इलाकों में 165 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चली. चक्रवात ने वहां शनिवार देर रात को दस्तक दी थी.
नगर निगम और स्थानीय अधिकारियों ने लिया जायजा-
सैकड़ों पेड़ों के उखड़ने से शहर के कई हिस्सों में सड़कें जाम रहीं. हालांकि मौसम में सुधार के बाद कई लोग रविवार दोपहर अपने-अपने घरों से निकले. कोलकाता नगर निगम पुलिस और दमकल कर्मियों के साथ एनडीआरएफ गिरे हुए पेड़ों और टहनियों के कारण जाम हुई सड़कों को साफ करने में जुटा है. कोलकाता नगर निगम के अधिकारी ने बताया,‘‘हमने कर्मियों को सड़कों को साफ करने और निचले इलाकों से जल निकासी के काम में लगाया है. हमें उम्मीद है कि यह काम रात तक खत्म हो जायेगा.’’
राज्य आपदा प्रबंधन मंत्री जावेद खान ने कहा कि जड़ से उखड़ चुके पेड़ों को जल्द से जल्द हटाने के लिये सभी आपात सेवाएं काम कर रही हैं. राज्य के ऊर्जा मंत्री सोवनदेब चट्टोपाध्याय ने कहा कि चक्रवात के कारण जिन इलाकों में बिजली के तार टूट गए हैं. उनकों ठीक करने का काम किया जा रहा है. मौसम विभाग ने उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्वी मिदनापुर और नादिया जिलों में दोपहर साढ़े 12 बजे से अगले 6 घंटे से अधिक समय तक धीमी बारिश का पूर्वानुमान जताया है.
मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर दी जानकारी-
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट कर बताया कि, ‘‘गंभीर चक्रवात तूफान ‘बुलबुल’ के कारण मैंने आगामी सप्ताह में उत्तर बंगाल की अपनी यात्रा रद्द करने का फैसला किया है. इसके बजाय कल मैं नामखाना और बक्खाली के आस पास प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करूंगी.’’
उन्होंने कहा, ‘‘बाद में मैं चक्रवात प्रभावित लोगों के राहत एवं पुनर्वास की समीक्षा के लिये प्रशासन के साथ काकद्वीप में बैठक करूंगी. 13 नवंबर को उत्तर 24 परगना के बशीरहाट में चक्रवात प्रभावित इलाकों का दौरा करने की मेरी योजना है.’’ प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘चक्रवात के हालात और पूर्वी भारत के कई हिस्सों में भारी बारिश के मद्देनजर उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की गई’’