नई दिल्ली: भारत ने आने वाले गणतंत्र दिवस को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं. इस बार के गणतंत्र दिवस समारोह में दक्षिण अफ़्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे. हालांकि इनके अलावा चार और नामों पर विचार किया जा रहा था. अब तक के गणतंत्र दिवस में कभी किसी आफ्रीकी नेता को बतौर मुख्य अतिथि नहीं बुलाया गया था, जबकि लगभग अन्य कई देशों के प्रमुख बतौर मुख्य अतिथि शामिल हो चुके हैं. इसलिए माना जा रहा था की इस बार आफ्रीका को प्राथमिकता दी जाएगी. आज इस बात का एलान भी कर दिया गया है.


70 वें गणतंत्र दिवस समारोह में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बतौर मुख्य अतिथि शामिल करने के लिए व्हाइट हाउस से अनौपचारिक संपर्क किया गया था. लेकिन अपनी पूर्व निर्धारित व्यस्तताओं के कारण उन्होंने इस कार्यक्रम में शामिल होने में अपनी असमर्थता जाहिर की. हालांकि उन्हें इसके लिए कोई भी औपचारिक निमंत्रण नहीं भेजा गया था.


भारत, अफ्रीकी देशों के साथ लगातार मजबूत संबंध बनाने की कोशिश कर रहा है. माना जा रहा है अगर अफ्रीकी महाद्वीप के 55 देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता का समर्थन करते हैं तो इससे भारत को एक महत्वपूर्ण बढ़त हासिल हो जाएगी. इसके अलावा भारत ने कृषि, बुनियादी ढांचे, सार्वजनिक परिवहन, स्वच्छ ऊर्जा, सिंचाई और विनिर्माण क्षमता के विकास के लिए 44 अफ्रीकी देशों में करीब 8 अरब डॉलर का निवेश किया है. मजबूत द्विपक्षीय संबंधों के लिए इस साल राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कई अफ्रीकी राज्यों का दौरे भी किया था.


बीते कुछ सालों की बात करें तो 2013 भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक, 2014 में जापान के प्रधान मंत्री शिन्जो आबे, 2015 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, 2016 में फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद, 2017 में संयुक्त अरब अमीरात क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जयद अल नहयान और 2018 में दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के एसोसिएशन के 10 सदस्यों के नेताओं मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया जा चुका है.


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