Mother-in- law donate Kidney: मौत के मुंह से बहू को बचा लाई सास, किया ऐसा काम, आप भी करने लगेंगे वाह-वाह
Mother-in- law donate Kidney to daughter-in-law : प्रतिभा कांतिलाल ने बताया कि घर में कोई भी उनके इस फैसले से सहमत नहीं थे कि वह अपनी बहू अमीष का किडनी डोनेट करें क्योंकि सभी लोग काफी डरे हुए थे.
Mumbai News: सास-बहू की नोकझोंक, लड़ाई और उनके रिश्ते पर अक्सर जोक बनते हैं. कई बार ऐसी खबरें सुनने में भी आती हैं कि सास ने बहू के साथ या फिर बहू ने सास के साथ बहुत अत्याचार किया. इस बीच, एक सास ने अनोखी मिसाल पेश की है. मुंबई में सास ने बहू को किडनी डोनेट करके जीवनदान दिया है.
1 अगस्त को मुंबई के नानावती अस्पताल में 43 साल की अमीषा की किडनी ट्रांसप्लांट की सर्जरी हुई. पिछले साल किसी बीमारी के चलते अमीषा की किडनी खराब हो गई थी इसलिए उन्हें किडनी की जरूरत थी. ऐसे में अमीषा की सास प्रतिभा कंतीलाल मोटा मदद के लिए आगे आईं और किडनी डोनेट की. अमीषा फिलहाल अस्पताल में ही हैं और प्रतिभा कांतिलाल घर लौट आई हैं. घर लौटने पर उनके लिए खास पार्टी भी रखी गई.
प्रतिभा कांतिलाल बोलीं- अमीषा मेरी बेटी है, बहू नहीं
प्रतिभा कांतिलाल ने बताया कि घर में कोई भी उनके फैसले से सहमत नहीं था और सभी लोग डरे हुए थे. उन्होंने कहा, 'मेरे तीनों बेटे डरे हुए थे, लेकिन मैंने उनसे कहा कि मैं एकदम फिट हूं और मैं किडनी डोनेट करूंगी.' उन्होंने कहा कि वह अपनी बहू को बेटी की तरह मानती हैं.
जितेश ने कहा- पत्नी को जीवन देना चाहता था, पर मां के स्वास्थ्य की भी चिंता
अमीषा के पति जितेश मोटा ने बताया कि वह डायबिटिक हैं इसलिए पत्नी को किडनी डोनेट नहीं कर सके. उन्होंने कहा कि वह अमीषा की जान बचाना चाहते थे, लेकिन अपनी मां के स्वास्थ्य को लेकर भी चिंतित थे. जितेश ने बताया कि डॉक्टरों ने उनसे कहा कि किडनी डॉनर के लिए उन्हें आठ साल का इंतजार करना पड़ेगा. तब उनकी मां प्रतिभा कांतिलाल ने कहा कि वह अपनी किडनी अमीषा को डोनेट करेंगी.
फैमिली डॉक्टर बोले- 44 सालों में ऐसा नहीं देखा
जितेश मोटा के फैमिली डॉक्टर चंद्रकांत लल्लन का कहना है कि उन्होंने अपने 44 सालों के करियर में ऐसा केस नहीं देखा है. उन्होंने कहा कि भारत में ज्यादातर महिलाएं अपने पति, माता-पिता या बच्चों को ओर्गन डोनेट करती हैं, लेकिन ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि एक सास ने बहू को किडनी डोनेट की.