700 से लेकर 1500 रुपए, स्पष्ट दिशानिर्देश न होने से वैक्सीन की मनमानी कीमत वसूल रहे निजी अस्पताल
वैक्सीन की किल्लत के बीच उसकी कीमत को लेकर भी असमंजस की स्थिति बन गई है. हालत ये है कि एक ही शहर के अलग-अलग अस्पतालों में वैक्सीन की अलग-अलग कीमत वसूल की जा रही है.
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कोरोना की दूसरी लहर के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीनेशन को एक प्रमुख हथियार माना जा रहा है. इसीलिए सरकार भी कोविड-19 वैक्सीन पॉलिसी को लेकर उदारता बरत रही है. लेकिन वैक्सीन की किल्लत के बीच उसकी कीमत को लेकर भी असमंजस की स्थिति बन गई है. हालत ये है कि एक ही शहर के अलग-अलग अस्पतालों में एक ही प्रकार की वैक्सीन की अलग-अलग कीमत वसूल की जा रही है.
700 से लेकर 1500 रुपए तक वसूले जा रहे हैं वैक्सीन के
अगर आपको किसी प्राइवेट अस्पताल में कोरोना की वैक्सीन लगवानी है तो कितने पैसे चुकाने होंगे? इस सवाल का कोई सीधा जवाब नहीं है. क्योंकि अलग-अलग अस्पतालों में इसे लगाने के लिए अलग-अलग कीमत वसूली जा रही है. मसलन, सोमवार को मुंबई के एचएन रिलायंस अस्पताल में कोविशील्ड वैक्सीन के लिए 700 रुपए देने पड़ रहे थे. वहीं मुंबई का ही नानावटी अस्पताल इसी वैक्सीन के लिए 900 रुपए वसूल रहा था, जबकि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने प्राइवेट अस्पतालों के लिए कोविशील्ड की कीमत 600 रुपए तय की है.
इसी प्रकार दिल्ली के बीएल कपूर और मैक्स अस्पताल में कोविशील्ड के लिए 900 रुपए लिए जा रहे हैं. कोलकाता के वुडलैंड और बेंगलुरु के ग्लोबस अस्पताल में कोवैक्सीन की एक डोज के लिए 1500 रुपए वसूले जा रहे हैं. जबकि भारत बायोटेक ने निजी अस्पतालों के लिए इसकी कीमत 1200 रुपए रखी है.
पारदर्शिता की कमी के कारण विसंगति
जानकारों का मानना है कि वैक्सीन की कीमतें तय करने में पारदर्शिता की कमी के कारण ये विसंगति देखने मिल रही है. दरअसल, प्राइवेट सेक्टर में वैक्सीन की सप्लाई कुछ बडे अस्पतालों तक ही सीमित है. कई राज्य वैक्सीन की कमी से जूझ रहे हैं. अस्पतालों के मार्जिन को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है. वैक्सीन की मांग उसकी उपलब्धता से कहीं ज्यादा है. वैक्सीन को स्टोर करने, उसके परिवहन और लगाने के लिए दक्ष लोगों की भी कमी है. यही वजह है कि अस्पताल वैक्सीन की कीमत अपने हिसाब से तय कर रहे हैं.
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