549 सफाईकर्मी के लिए 7000 ग्रेजुएट्स ने किया आवेदन, बेरोजगारी पर डीएमके ने राज्य-केंद्र दोनों को घेरा
कोयंबटूर सिटी म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में ग्रेड -1 सफाई कर्मी के 549 पद के लिए इंजीनियरों सहित 7,000 ग्रेजुएट्स ने आवेदन किया है. आवेदकों में इंजीनियरिंग और साइकोलॉजी के छात्र भी शामिल हैं.
![549 सफाईकर्मी के लिए 7000 ग्रेजुएट्स ने किया आवेदन, बेरोजगारी पर डीएमके ने राज्य-केंद्र दोनों को घेरा 7000 graduates applied for the post of 549 Sweeper 549 सफाईकर्मी के लिए 7000 ग्रेजुएट्स ने किया आवेदन, बेरोजगारी पर डीएमके ने राज्य-केंद्र दोनों को घेरा](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2019/09/16204643/MK-Stalin.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
कोयंबटूर: भारतीय अर्थव्यवस्था में मंदी का असर लगभग सभी सेक्टर पर दिखाई पड़ रहा है. कई उद्योगों में हजारों लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं और अभी भी कुछ इसमें सुधार नहीं दिख रहा है. सरकार भले ही इस बात से इनकार कर रही हो लेकिन सच्चाई ये है कि बेरोजगारी से हालात बिगड़ते दिखाई दे रहे हैं. बेरोजगारी का आलम यह है कि अच्छे खासे पढ़े हुए लोग भी सफाई कर्मी बनने को मजबूर हैं. ऐसा ही मामला तमिलनाडु के कोयंबटूर में सामने आया है. जहां सफाईकर्मी के पद के लिए इंजीनियरों ने भी आवेदन किया है.
कोयंबटूर सिटी म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में ग्रेड -1 सफाई कर्मी के 549 पद के लिए इंजीनियरों सहित 7,000 ग्रेजुएट्स ने आवेदन किया है. यहां आए इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट्स का कहना है कि उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है लेकिन उन्हें उनके क्षेत्र में कोई भी नौकरी नहीं मिली. वह इस समय नौकरी करना चाहते हैं इसलिए इस नौकरी का आवेदन दिया है. कई आवेदकों का कहना है कि हमें दूसरी जगह बहुत कम सैलेरी मिल रही है तो कई लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया है. सफाईकर्मियों को नौकरी में उन्हें केवल सुबह तीन घंटे और शाम को तीन घंटे काम करना होता है, इसके बदले उन्हें 20 हजार रुपये सैलेरी मिलती है. छात्रों ने योग्यता अनुसार नौकरी ना मिलने और बेरोजगारी के बढ़ने को अहम कारण बताया.
इस ओपनिंग में पाया गया कि लगभग 70 प्रतिशत उम्मीदवारों ने एसएसएलसी की न्यूनतम योग्यता पूरी कर ली और हैरान करने वाली बात यह थी कि उनमें से अधिकांश इंजीनियर, पोस्टग्रेजुएट्स, ग्रेजुएट और डिप्लोमा धारक थे. दरअसल सफाईकर्मियों कि इन नौकरियों के लिए न्यूनतम योग्यता एसएसएलसी यानी 10वीं की पढ़ाई होती है, लेकिन यहां इंजिनियर और ग्रेजुएट्स ने भी यहां आवेदन किया है. साथ कुछ मामलों में, यह पाया गया कि आवेदक पहले से ही निजी कंपनियों में कार्यरत थे, लेकिन सरकारी नौकरी की चाहत के चलते इन सभी ने सफाईकर्मी के पदों के लिए आवेदन किया. उन्ही छात्रों में नंदिनी भी पहुंची जिसने डिप्लोमा किया है लेकिन उसकी योग्यता अनुसार नौकरी नहीं मिली. ऐसे में वह भी अब सफाईकर्मी की नौकरी का आवेदन देने पहुंची है.
कई ग्रेजुएट्स आवेदकों को योग्यता के अनुसार नौकरी नहीं मिली थी, जिसके बाद वे अपने परिवार के गुजारे के लिए निजी कंपनियों में छह-सात हजार की नौकरी कर रहे थे. उनसे इन कंपनियों में 12-12 घंटों तक काम करवाया जाता था. ऐसे में अब इस नौकरी की लिए आवेदन किया है. एक आवेदक सौम्या ने बताया कि उन्होंने साइकोलॉजी की पढ़ाई की है लेकिन उनकी योग्यता के अनुसार नौकरी नहीं मिली. सौम्या का कहना है कि जब उन्हें इस ओपनिंग का पता चला तो वह भी आवेदन भरने पहुंची हैं.
वहीं इस पूरे मामले पर डीएमके प्रेसिडेंट एमके स्टालिन ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार को घेरा है. स्टालिन ने कहा कि बेरोजगारी की समस्या इतनी गंभीर हो गई है कि राज्य और केंद्र सरकार को मिलकर इस पर काम करने की जरूरत है. रिपोर्ट के मुताबिक 40 हजार आई टी एम्पलॉइज अपनी नौकरियां खो सकते हैं.
BJP ने राहुल गांधी को घेरा, निशिकांत दुबे बोले- सांसद को आतंकी कहना गांधी हत्या से भी बदतर
हैदराबाद: महिला डॉक्टर का जला हुआ शव मिला, सुबह बहन से कहा था- ‘स्कूटी खराब हो हई, डर लग रहा है’
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शिवाजी सरकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/5635d32963c9cc7c53a3f715fa284487.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)