नई दिल्लीः सीआरपीएएफ की सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह ने बताया कि पश्चिम बंगाल में चुनाव को देखते हुए अर्धसैनिक बलों की 725 कंपनियों को पहले चरण के चुनाव के लिए तैनात किया जाएगा. ये फैसला गृह मंत्रालय ने लिया है डीजी सीआरपीएफ के मुताबिक अब तक करीब 495 कंपनी जवानों को पश्चिम बंगाल भेजा जा चुका है और बाकी की कंपनियां वहां पर पहुंच रही है.


डीजी CRPF ने बताया, "पश्चिम बंगाल में 725 कंपनी ड्राफ्ट की गई हैं 495 पहुंच चुकी है और पहुंचकर उन कंपनियों ने अपना अपना काम स्टेट गवर्नमेंट के साथ मिलकर शुरू कर दिया है उसका उद्देश्य मूल्य है कि वहां की पब्लिक के मन में कॉन्फिडेंस हासिल हो जो एंटी सोशल एलिमेंट्स है उनको राउंडअप किया जा सके उनकी जो तैयारियां हैं जैसे बम मेकिंग मेटेरियल हुआ या हथियार हुआ इन सब चीजों को सीज किया जा सके और तैयारी पूरी रखें की इलेक्शन के दिन पब्लिक जाकर वोट दे सके तैयारियां हम लोगों की पूरी हैं वीआईपी सिक्योरिटी के फ्रंट पर भी जो ड्यूटी हमको मिलती हैं वह हम करते हैं एक स्केल होता है चाहे वह Y स्केल हो चाहे वह Z स्केल हो जिस बिस्केल को सुरक्षा प्रदान करने का आदेश आता है उसको हम सुरक्षा प्रदान करते हैं और एडवांस सिक्योरिटी भी प्रोवाइड करते हैं किसी वीआईपी को अगर कहीं जाना है तो किस तरीके से वह जाएंगे क्या करेंगे क्या नहीं करेंगे"


उन्होंने कहा कि इसके अलावा जब हमने हाल ही में पश्चिम बंगाल के अंदर नेताओं के ऊपर हुए हमलों को लेकर बात की इस पर कुलदीप सिंह का कहना था कि "चुनौतियां तो हमेशा रहती हैं चुनौतियों से निपटने के लिए ही फोर्स का डिपार्टमेंट किया जाता है थोड़े दिन पहले जो घटनाएं हुई थी उसके लिए हम लोगों ने प्रिपरेशन भी और एक्स्ट्रा की और प्रिपरेशन के साथ-साथ जैसा आप बोल रहे हैं कि कोनवॉय पर हमला होना या कोई और इस तरह की घटना ना हो उसके लिए हम लोगों ने सफिशिएंट व्यवस्था की है पर मैं जो एडवांस सिक्योरिटी का जिक्र कर रहा था वह इसीलिए होता है वीवीआइपी जो जा रहे हैं उनके लिए किस तरह की एडवांस सिक्योरिटी की व्यवस्था हम पहले से कर कर रखें अगर कुछ इनपुट ऐसा होता है कि कुछ ज्यादा डिप्लॉयमेंट की जरूरत है तो या बुलेट प्रूफ कार ले जाने की जरूरत है तो उसके हिसाब से हम करते हैं."


हाल ही में जम्मू कश्मीर में एक आतंकी की इंटेरोगेशन के दौरान स्टिकी बम के बारे में पता चला. इसको लेकर किस तरह की चुनौतियां हैं इस पर भी एबीपी न्यूज़ से बातचीत में सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह ने हमें बताया कि "एक आतंकी की इंटेरोगेशन के दौरान पता चला था कि कहीं पर कुछ स्टिकी बम है जिसको जाकर रिकवर भी किया गया था उसके हिसाब से ही देखा गया कि यह चैलेंज काफी बड़े रूप में आ सकता है अगर इसको गाड़ियों में लगाया जा सके इस सूचना से हम लोग पूरी तरह से अवगत हैं और जहां पर कोई जरूरत पड़ती है उसको हम उसी तरह से जब चैकिंग चालू होती है तो पहले जो हम चैकिंग करते थे अब हमसे चिकीबम की भी निगरानी कर लेते हैं."


डीजी सीआरपीएफ के मुताबिक जम्मू कश्मीर में इस साल घाटी में 226 आतंकियों को मार गिराया गया इसके अलावा 296 आतंकियों को धर दबोचा गया इसके साथ ही आठ आतंकियों ने आत्मसमर्पण किया इन आतंकियों से 378 हथियार बरामद किए गए 41 आई ई डी बरामद की गई साथ ही घाटी में 1 साल सुरक्षा बल और आतंकियों के बीच 275 मुठभेड़ और हमले हुए. नक्सली प्रभावित इलाकों में अर्धसैनिक बलों की क्या-क्या तैयारियां हैं इस पर भी बातचीत हुई.


उन्होंने कहा, "जैसा कि आप जानते हैं कि नक्सलवाद स्लोली स्लोली संकुचित होता जा रहा है और पिछले कुछ दिनों में पांच बटालियन और डिप्लॉय की गई हैं छत्तीसगढ़ में जैसे कोर एरिया में भी फॉरवर्ड बेस हम लोगों ने बनाए हैं फॉरवर्ड बेस बनाने की वजह से अब और एरिया मैं ऑपरेशन करने में हमें और ज्यादा सुविधा होगी क्योंकि क्रॉस कंट्री चलने में फोर्स को कम समय लगेगा तो यह प्रिपरेशन 1 तरीके की है दूसरी प्रिपरेशन यह है कि वहां पर किसी भी जवान के साथ कोई दुर्घटना हो जाए तो हम लोग फील्ड सर्जिकल यूनिट और बाकी सब चीजों की हम लोगों की तैयारी है और लाइफ सपोर्ट सिस्टम भी हम लोगों ने हेलीकॉप्टर में तैयार कर लिया है कि किसी के साथ कोई दुर्घटना होती है तो उसको हम जब ट्रांसपोर्ट करते हैं एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखते हैं तो उसको दूर तक पहुंचाने में सुविधा होती है उसकी जान बचाई जा सकती है."


डीजी सीआरपीएफ ने बताया कि इस साल 35 नक्सलियों को मार गिराया गया जबकि 710 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया इसके अलावा 448 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया जिनसे 242 घातक हथियार बरामद किए गए वहीं 710 आईडी भी अर्धसैनिक बलों ने बरामद किए हैं इस साल नक्सली और अर्धसैनिक बलों में 77 मुठभेड़ हुई.


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