राष्ट्रपति ने इस संदर्भ में सबके लिए बिजली, खुले में शौच से मुक्ति, सभी बेघरों को घर और अति-निर्धनता को दूर करने के लक्ष्य के पहुंच में आने का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि आज जो निर्णय हम ले रहे हैं, जो बुनियाद हम डाल रहे हैं, जो परियोजनाएं हम शुरू कर रहे हैं, जो सामाजिक और आर्थिक पहल हम कर रहे हैं, उन्हीं से यह तय होगा कि हमारा देश कहां तक पहुंचा है.
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘यह भारत देश ‘हम सभी लोगों’ का है, न कि केवल सरकार का. एकजुट होकर, हम ‘भारत के लोग’ अपने देश के हर नागरिक की मदद कर सकते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ एकजुट होकर, हम अपने वनों और प्राकृतिक धरोहरों का संरक्षण कर सकते हैं, हम अपने ग्रामीण और शहरी पर्यावास को नया जीवन दे सकते हैं. हम सब ग़रीबी, अशिक्षा और असमानता को दूर कर सकते हैं.’’
शहीद औरंगजेब को शौर्य चक्र, आतंकियों की बर्बरता के आगे नहीं टेके थे घुटने
एकजुटता के महत्व को रेखांकित करते हुए कोविंद ने कहा कि हम सब मिलकर ये सभी काम कर सकते हैं. यद्यपि इसमें सरकार की प्रमुख भूमिका होती है, परंतु एकमात्र भूमिका नहीं. राष्ट्रपति ने कहा कि देश में बदलाव और विकास तेजी से हो रहा है और इस की सराहना भी हो रही है. कोविंद ने कहा कि हमारे सामने, सामाजिक और आर्थिक पिरामिड में सबसे नीचे रह गए देशवासियों के जीवन-स्तर को तेजी से सुधारने का अच्छा अवसर है.
उन्होंने कहा कि ग्राम स्वराज अभियान के दायरे में उन 117 आकांक्षी जिलों को भी शामिल कर लिया गया है, जो आज़ादी के सात दशक बाद भी हमारी विकास यात्रा में पीछे रह गए हैं.
उन्होंने कहा कि ग्राम स्वराज अभियान का कार्य केवल सरकार द्वारा नहीं किया जा रहा है. यह अभियान सरकार और समाज के संयुक्त प्रयास से चल रहा है . और हमें अपने प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार के कार्यक्रमों और परियोजनाओं का पूरा-पूरा उपयोग करना है. कोविंद ने कहा कि इस बार स्वाधीनता दिवस के साथ एक खास बात जुड़ी हुई है. आगामी 2 अक्टूबर से, महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के समारोह शुरू हो जाएंगे.
दिल्ली में बकरीद का अवकाश 22 अगस्त की बजाए 23 अगस्त को होगा