नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का तीसरा दिन भी आज हंगामें की भेंट चढ़ गया. कांग्रेस ने कृषि क़ानूनों को वापस लिए जाने की मांग को लेकर आज संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही नहीं चलने दी. संसद में हंगामे का नुकसान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी उठाना पड़ा. आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ के मौक़े पर होने वाले जलसे की जानकारी देने के लिए प्रधानमंत्री लोकसभा में एक बयान देना चाहते थे लेकिन सदन में लगातार हो रहे हंगामे के चलते कार्यवाही में बार बार व्यवधान हो रहा था.


सूत्रों के मुताबिक़, सरकार ने सभी विपक्षी पार्टियों से सदन सुचारू रूप से चलाने की गुज़ारिश की ताकि प्रधानमंत्री अपना बयान दे सकें. कांग्रेस को छोड़कर बाक़ी पार्टियां सरकार की बात तो मान गईं लेकिन कांग्रेस के सांसद कृषि क़ानूनों पर हंगामा करते रहे. हंगामें के चलते आज पीएम अपना बयान नहीं दे पाए. सूत्रों के मुताबिक़, सोमवार को अगर सदन सुचारू रूप से चला तो पीएम अपना बयान दे सकते हैं.


इस मसले पर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने आज सभी राजनीतिक दलों से बैठक की. हालांकि बैठक में आज गतिरोध ख़त्म होने पर सहमति नहीं बन पाई. उधर कृषि क़ानूनों को लेकर कांग्रेस के विरोध पर बीजेपी ने पलटवार किया. संसद में गुरुवार और शुक्रवार को महाशिवरात्रि की छुट्टी है जबकि शनिवार और रविवार को सप्ताहिक छुट्टी होती है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि सोमवार को संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से शुरू हो सकेगी.


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