75th Constitution Day Celebrations Live Updates: 'संविधान देश का सबसे पवित्र ग्रंथ, इससे दुनिया में भारत को मिल रही नई पहचान', राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में क्या कुछ कहा
75th Constitution Day Celebrations: संविधान दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर खास कार्यक्रम का आयोजन होगा. यह कार्यक्रम संविधान सदन यानी पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में आयोजित होगा.
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारा संविधान समावेशी और प्रगतिशील है. दुनिया में भारत को नई पहचान मिल रही है.
राष्ट्रपति ने केंद्र सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि कमजोर वर्गों के लिए सरकार ने कई कदम उठाए.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान सभा में शामिल सभी सदस्यों को श्रद्दांजलि दी.
राष्ट्रपति ने कहा कि इस तरह के आयोजन हमें अब तक के सफर का अवलोकन करने और आगे बेहतर योजना बनाने का मौका देते हैं. संविधान हमारे देश का सबसे पवित्र ग्रंथ है.
राष्ट्रपति ने कहा कि यह संविधान सभा में शामिल 15 महिलाओं को याद करने का भी समय है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन शुरू किया. उन्होंने कार्यक्रमें मौजूद सभी नेताओं को शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा इस खास मौके पर आपके बीच आकर प्रसन्नता हो रही है.
राष्ट्रपति ने संस्कृत और मैथिली में भारत के संविधान का विमोचन किया.
राष्ट्रपति ने भारत के संविधान की कला को समर्पित पुस्तिका का विमोचन किया.
राष्ट्रपति ने संविधान को समर्पित दो पुस्तकों का विमोचन किया. पहली किताब है 'भारत के संविधान का निर्माण: एक झलक'. इसके अलावा दूसरी किताब का नाम है 'भारत के संविधान का निर्माण और इसकी गौरवशाली यात्रा'.
अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर डाक टिकट का विमोचन किया.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान दिवस पर स्मारक सिक्के का विमोचन किया.
उपराष्ट्रपति ने कहा कि संविधान सभी को मौलिक अधिकार देता है. भारत के संविधान की दुनियाभर में तारीफ होती है.
हमें किसी भी परिस्थिति में संविधान का सम्मान करना चाहिए. देश को सबसे पहले रखना चाहिए.
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुरू किया संबोधन. उन्होंने कहा यह ऐतिहासिक पल है. हम संविधान लागू होने की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. इन 75 साल में हमने कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं. यह सब संविधान से ही संभव हो पाया है.
अभी भारतीय संविधान की महिमा, इसके निर्माण और ऐतिहासिक यात्रा को दर्शाते हुए एक शॉर्ट फिल्म भी दिखाई जा रही है.
75 वर्ष पहले इस दिन हमारे संविधान को अंगीकृत किया गया था. आज पूरा देश संविधान के प्रति कृतज्ञता प्रकट कर रहा है. 2015 में हमने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था. हमारा संविदान वर्षों का तप, समार्थ्य और क्षमता परिणाम है.
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने स्वागत भाषण शुरू किया.
थोड़ी देर में शुरू होगा राष्ट्रपति का संबोधन. लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों को करेंगी संबोधित.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सेंट्रल हॉल में पहुंचीं. वहां राष्ट्रीय गान शुरू. उनके साथ उपराष्ट्रपति, लोकसभा स्पीकर और अन्य मेहमान मौजूद.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पहुंची पुराने संसद भवन. यहां संविदान दिवस पर होने वाले कार्यक्रम में दोनों सदनों को संबोधिथ करेंगी.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने संविधान दिवस पर लिखा, "भारतीय संविधान हमारे लोकतंत्र की आत्मा है. संविधान दिवस के अवसर पर देश को प्रगतिशील संविधान देने वाले बाबासाहेब अंबेडकर जी और सभी देशभक्तों को नमन. सभी को भारतीय संविधान दिवस तथा राष्ट्रीय कानून दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं."
अमित शाह ने अपने एक्स हैंडल से लिखा, "संविधान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं. आज भारत पूरे उत्साह से संविधान की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है. बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर जी सहित संविधान के सभी शिल्पियों के योगदान को चिरस्मरणीय बनाने के लिए मोदी जी ने ‘संविधान दिवस’ मनाने की शुरुआत की. भारत जैसे विशाल देश के लोकतंत्र की शक्ति हमारा संविधान ही है, जो हर व्यक्ति के लिए न्याय और समान अधिकार सुनिश्चित कर राष्ट्रीय एकता और अखंडता का मंत्र देता है. हमारा विश्वास है कि संविधान सिर्फ मंचों पर दिखाने की एक पुस्तक नहीं, बल्कि पूर्ण श्रद्धा से आत्मसात कर सार्वजनिक जीवन में अपना सर्वोच्च योगदान देने की कुंजी है. आइए! इस संविधान दिवस पर एक सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत बनाने का संकल्प लें.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज संविधान दिवस समारोह में शामिल होंगे. इसके साथ ही वह सुप्रीम कोर्ट में आयोजित कार्यक्रम में भी भाग लेंगे. यहां पर वह भारतीय न्यायपालिका की वार्षिक रिपोर्ट जारी करेंगे. प्रधानमंत्री इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित भी करेंगे. कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और अन्य न्यायाधीश भी उपस्थित रहेंगे.
संविधान दिवस के 75 साल पूरे होने पर आज प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को शुभकामनाएं दीं. मोदी ने अपने एक्स हैंडल से लिखा कि सभी देशवासियों को भारतीय संविधान की 75वीं वर्षगांठ के पावन अवसर पर संविधान दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं.
भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था, जिसे तब से गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है.
भीम राव अम्बेडकर ने 1948 में संविधान सभा में इसका प्रारूप प्रस्तुत किया. ग्यारह सत्रों में दो वर्षों से अधिक समय तक विचार-विमर्श के बाद 26 नवम्बर 1949 को कुछ संशोधनों के साथ इस प्रारूप को अपना लिया गया.
संविधान सभा में 389 सदस्य थे, जिनमें डॉ. बीआर अंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल जैसे प्रमुख नेता शामिल थे. सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई थी और इसकी अध्यक्षता डॉ. प्रसाद ने की थी.
भारत सरकार अधिनियम 1935 के बाद, ऐसे प्रावधानों की आवश्यकता महसूस की गई जो भारत को एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में चिह्नित करेंगे. इसके बाद, दिसंबर 1946 में एक संविधान सभा का गठन किया गया, जिसके अध्यक्ष भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद थे.
भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने 2015 में 26 नवंबर को संविधान दिवस घोषित किया था, यह वह वर्ष था जब संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. बी.आर. अंबेडकर की 125वीं जयंती मनाई गई थी. पहले, इस दिन को कानून दिवस के रूप में मनाया जाता था.
बैकग्राउंड
75th Constitution Day Celebrations Live Updates: भारत का संविधान दिवस, जिसे संविधान दिवस के रूप में भी जाना जाता है, हर साल 26 नवंबर को मनाया जाता है. यह 1949 में संविधान सभा की ओर से भारतीय संविधान को अपनाने का प्रतीक है. वैसे तो हर साल 26 नवंबर के दिन इसे सेलिब्रेट किया जाता है, लेकिन इस बार का संविधान दिवस बेहद खास है. दरअसल, यह 75वां साल है और केंद्र सरकार इसे बड़े स्तर पर सेलिब्रेट कर रही है.
इसी कड़ी में आज (26 नवंबर 2024) संसद में इस पर एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संसद के दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित करेंगी. इस दौरान एक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया जाएगा. कुछ किताबों का विमोचन होगा। इसके साथ ही संविधान के संस्कृत और मैथिली संस्करण का संविधान सदन के केंद्रीय कक्ष में विमोचन किया जाएगा।
कहां होगा कार्यक्रम?
संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर संविधान दिवस का कार्यक्रम संविधान सदन यानी पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में आयोजित होगा. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला स्वागत भाषण देंगे. इस मौके पर भारतीय संविधान की महिमा, इसके निर्माण और ऐतिहासिक यात्रा को दर्शाते हुए एक शॉर्ट फिल्म भी दिखाई जाएगी.
कौन कौन रहेगा मौजूद?
लोकसभा सचिवालय के मुताबिक इस कार्यक्रम में भारत की राष्ट्रपति के अलावा उपराष्ट्रपति और राज्य सभा के सभापति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय मंत्री, संसद सदस्य, दिल्ली स्थित मिशनों के प्रमुख और अन्य कई लोग मौजूद रहेंगे.
कौन कौन सी किताबों का होगा विमोचन?
इस खास मौके पर दो किताबों का विमोचन होना है. इसमें पहली किताब है 'भारत के संविधान का निर्माण: एक झलक'. इसके अलावा 'भारत के संविधान का निर्माण और इसकी गौरवशाली यात्रा' शीर्षक से प्रकाशित दूसरी किताब का भी विमोचन होगा. किताब के विमोचन के बाद संस्कृत और मैथिली में भारत के संविधान का विमोचन भी होगा.
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