48 साल से नई दिल्ली स्टेशन पर रह रहे ऑक्सफोर्ड रिटर्न सरदार जी की दिल छू लेने वाली कहानी
राजा सिंह ने बताया की लोग मुझसे बार बार आश्रम जाने को कह रहे हैं. मुझे अपने साथ चलने के लिए माना रहे हैं. मैं मना नहीं कर सकता, इनके साथ आश्रम जाऊंगा लेकिन अपना काम करता रहूंगा. मुझे मदद लेना पसंद नहीं है.
नई दिल्ली: 76 वर्षीय ऑक्सफोर्ड रिटर्न राजा सिंह को किसी से मदद लेना अच्छा नहीं लगता. वो 48 साल से अपनी ज़िन्दगी रेलवे स्टेशन पर गुज़ार रहे हैं. दिन में वीज़ा एप्लिकेशन सेंटर में लोगों की फॉर्म भरने में मदद करते हैं. इसके बाद कुछ वक़्त गुरुद्वारे में गुज़ारते है और फिर रात में सोने के लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन चले जाते हैं. 48 साल से लगातार इसी क्रम में अपनी ज़िन्दगी गुज़र बसर कर रहें है.
दरअसल राजा सिंह ने 1964 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेज़ुएशन की डिग्री पूरी की और उसके बाद वहीं उनकी नौकरी लग गई. बड़े भाई कहने पर कुछ ही दिनों बाद नौकरी छोड़ कर अपने वतन हिंदुस्तान लौट आये. वापस लौट कर अपने भाई के साथ मिलकर कई बार बिज़नेस करने की कोशिश की लेकिन किसी भी बिज़नेस में सफलता नहीं मिली. कुछ दिनों बाद अचानक भाई की मौत हो जाती है और राजा सिंह अकेले पड़ जाते है. राजा सिंह के दो बेटे है लेकिन पत्नी से अक्सर अनबन होने के नाते पत्नी बच्चों को लेकर अलग हो जाती है. इस तरह बीवी बच्चे होने के बावजूद भी राजा सिंह इस दुनिया में तन्हा हो जाते है.
राजा सिंह ने बच्चों से मिलने की काफी कोशिश की लेकिन पत्नी के रवैये से उन्हें हर बार नाकामी ही मिली. इतना कुछ खो जाने के बाद भी राजा सिंह ने हिम्मत नहीं हारी ज़िन्दगी से लड़ते रहे और 1970 के आसपास उन्होंने अपनी एक नई ज़िन्दगी का आगाज़ रेलवे स्टेशन से शुरू किया. अब वो हर रोज़ वीज़ा एप्लिकेशन सेंटर पर जाते है और वहां लोगों की फॉर्म भरने में मदद करते है. मदद के बदले लोग उन्हें कुछ पैसे दे दिया करते है इसी पैसे से उन्होंने अपने ज़िन्दगी का गुज़ार करना शुरू किया. वीज़ा एप्लिकेशन सेंटर से वो सीधे गुरुदद्वारे जाते वहाँ कुछ वक़्त बिताते और फिर में रात को सोने के लिए वो नई दिल्ली रेलवे स्टेशन चले जाते. राजा सिंह के ज़िन्दगी का ये सिलसिला बदस्तूर पिछले 48 सालों से जारी है.
दरअसल राजा सिंह तकरीब पिछले एक महीने से दिल्ली के कनॉट प्लेस के ऑउटर सर्कल पर स्थित एक सुलभ शौचालय में फ्रेश होने आते है. हर रोज़ यहीं से वो तैयार हो कर वीज़ा एप्लिकेशन सेंटर जाते है. कुछ दिनों पहले ही अविनाश सिंह नाम के एक व्यक्ति की नज़र उन पर पड़ी और यही से इस पूरे मामले का खुलासा हुआ. अविनाश ने राजा सिंह के साथ हुई पूरी बातचीत का सार तस्वीर सहित फेसबुक पर अपलोड कर दी. पोस्ट में लिखा कि ऑक्सफोर्ड रिटर्न पिछले 48 सालो से वीज़ा फॉर्म भरने में लोगों की मदद कर रहा है और अपनी ज़िन्दगी रेलवे स्टेशन पर गुज़ार रहा है. अपनी पोस्ट के ज़रिये राजा सिंह की मदद की अपील भी की.
देखते ही देखते ये पोस्ट सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो गई और लाखों लोगों तक पहूंच गई. पोस्ट लिखने वाले अविनाश सिंह ने बताया की पोस्ट लिखने के बाद दो दिन के अंदर दुनिया भर से मदद के लिए तकरीबन साढ़े 3 हज़ार कॉल और 5 हज़ार मैसेज आए.
दिलेर मेहंदी समेत कई बड़े लोगों की कॉल भी आई. सोमवार की सुबह 7 बजे उस शौचालय पर जब एबीपी न्यूज़ की टीम पहूंची तो वहां देखा की वायरल पोस्ट को पढ़ कर राजा सिंह की मदद के लिए सिख समुदाय के कई लोग भी पहूंचे हुए थे. वें लोग राजा सिंह को सिख वृद्धा आश्रम ले जाकर उनकी मदद करना चाहते है.
राजा सिंह ने बताया की लोग मुझसे बार बार आश्रम जाने को कह रहे हैं. मुझे अपने साथ चलने के लिए माना रहे हैं. मैं मना नहीं कर सकता, इनके साथ आश्रम जाऊंगा लेकिन अपना काम करता रहूंगा. मुझे मदद लेना पसंद नहीं है. मुझे ठीक लगा तो मैं आश्रम में रहूंगा. अगर राजा सिंह को आश्रम में रहना पसंद आगया तो शायद अब 48 साल के उनके रेलवे स्टेशन के सफरनामे पर पूर्ण विराम लग जायेगा.