नई दिल्ली: कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए लागू सार्वजनिक पाबंदियों के बीच ईपीएफओ और निजी पीएफ कोषों के करीब 8.2 लाख सदस्यों ने अपने गुजर-बसर के लिए 3,243.17 करोड़ रुपये निकाले हैं. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने 28 मार्च के निर्णय में इस योजना के अंशधारक कर्मचारिेयों को लॉकडाउन के कारण कठिनाइयों से निपटने के लिए आंशिक निकाषी की अनुमति दी थी.


श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय के तहत आने वाले ईपीएफओ ने (इस दौरान) कुल 12.91 लाख दावों का निपटारा किया है. जिसमें कोविड-19 संकट में घोषित प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) पैकेज के तहत दी गई छूट से संबंधित 7.40 लाख दावे शामिल हैं.’’ इन दावों के तहत कुल 4,684.52 करोड़ रुपये की राशि शामिल है, जिसमें पीएमजीकेवाई पैकेज के तहत 2,367.65 करोड़ रुपये के दावे शामिल हैं.




मंत्रालय ने कहा कि छूट प्राप्त निजी पीएफ ट्रस्ट ने भी कोविड-19 महामारी के चलते दावों का निपटान किया. बयान में कहा गया कि छूट प्राप्त निजी पीएफ ट्रस्ट ने 27 अप्रैल 2020 तक कोविड-19 के लिए अग्रिम राशि के तौर पर 79,743 पीएफ सदस्यों को 875.52 करोड़ रुपये दिए.


इसमें निजी क्षेत्र के 222 प्रतिष्ठानों ने 54,641 लाभार्थियों को 338.23 करोड़ रुपये दिए. सार्वजनिक क्षेत्र के 76 प्रतिष्ठानों ने 24,178 लाभार्थियों को 524.75 करोड़ रुपये दिए. सहकारी क्षेत्र के 23 प्रतिष्ठानों ने 924 लाभार्थियों को 12.54 करोड़ रुपये दिए.


निजी पीएफ ट्रस्ट अपने कर्मचारियों की पीएफ राशि का खुद प्रबंधन करते हैं और उन्हें मासिक पीएफ रिटर्न दाखिल करने से छूट दी जाती है और इस प्रकार उन्हें छूट प्राप्त प्रतिष्ठान भी कहा जाता है.


टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (मुंबई), एचसीएल टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (गुरुग्राम) और एचडीएफसी बैंक (मुंबई) निजी क्षेत्र के तीन शीर्ष छूट प्राप्त संस्थान हैं. सार्वजनिक क्षेत्र में ओएनजीसी (देहरादून), नेवेली लिग्नाइट कॉरपोरेशन (नेवेली) और भेल (त्रिची) तीन शीर्ष छूट प्राप्त प्रतिष्ठान हैं.