अब दुश्मनों की खैर नहीं: एक साथ 128 टारगेट्स पर अटैक कर सकता है अपाचे हेलिकॉप्टर’, आज IAF में हुआ शामिल
अबतक भारतीय वायुसेना को कुल 12 ‘अपाचे हेलिकॉप्टर’ मिल चुके हैं. भारत ने सितंबर 2015 में अमेरिकी सरकार और बोइंग कंपनी के साथ कुल 22 ‘अपाचे हेलिकॉप्टर’ समझौता किया था. भारतीय वायुसेना को 4 अपाचे हेलिकॉप्टर की पहली खेप 27 जुलाई को मिली थी.
पठानकोट: आतंक के खिलाफ लड़ाई में भारत को दुनिया का सबसे दमदार हथियार मिल गया है. आज पठानकोट एयरबेस पर भव्य समारोह और पूजा अर्चना के बाद 8 ‘अपाचे हेलिकॉप्टर्स’ वायुसेना में शामिल हो गए. इसी के साथ भारत ‘अपाचे हेलिकॉप्टर’ का इस्तेमाल करने वाला 15वां देश बन गया है. अपाचे दुनिया के आधुनिक लड़ाकू हेलिकॉप्टर्स में शामिल है. अमेरिकी सेना भी इसका इस्तेमाल करती है.
भारतीय वायुसेना को मिलेंगे कुल 22 ‘अपाचे हेलिकॉप्टर’
बता दें कि अबतक भारतीय वायुसेना को कुल 12 ‘अपाचे हेलिकॉप्टर’ मिल चुके हैं. भारत ने सितंबर 2015 में अमेरिकी सरकार और बोइंग कंपनी के साथ कुल 22 ‘अपाचे हेलिकॉप्टर’ समझौता किया था. भारतीय वायुसेना को 4 अपाचे हेलिकॉप्टर की पहली खेप 27 जुलाई को मिली थी. इसके बाद 8 अपाचे हेलिकॉप्टर 2 सितंबर को भारत आए. बताया जा रहा है कि साल 2020 तक वायुसेना को सभी 22 हेलिकॉप्टर मिल जाएंगे.
कौन-कौनसे देश करते हैं ‘अपाचे हेलिकॉप्टर’ का इस्तेमाल
गौरतलब है कि दुनिया का सबसे बड़ा आतंकवादी ओसामा बिन लादेन इसी अपाचे का सबसे बड़ा शिकार बना था. अमेरिका ने अपाचे को बनाया और अफगानिस्तान से लेकर इराक तक दुशमनों को ढेर कर दिया था. भारत के अलावा अमेरिका, मिस्र, ग्रीस, इंडोनेशिया, इजरायल, जापान, क़ुवैत, नीदरलैंड्स, क़तर, सऊदी अरब, दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन, यूएई और सिंगापुर सहित कुल 15 देश ही ‘अपाचे हेलिकॉप्टर’ का इस्तेमाल करते हैं.
#WATCH Punjab: The Apache chopper receives water cannon salute, before induction at the Pathankot Air Base. pic.twitter.com/YNT49rjr3B
— ANI (@ANI) September 3, 2019
क्या है ‘अपाचे हेलिकॉप्टर’ की ताकत और खासियत?
- ‘अपाचे हेलिकॉप्टर’ में 2 टर्बोसॉफ्ट इंजन लगे हैं.
- इसके 4 शक्तिशाली पंख हैं.
- 279 किमी/घंटे की रफ्तार भर सकता है.
- 30 एमएम की गन, 1200 राउंड फायर से लैस और 16 एंटी टैंक मिसाइल लेकर उड़ सकता है.
- 4.5 किलोमीटर दूर से एक साथ 128 टारगेट पर अटैक कर सकता है.
- 500 किलोमीटर की फ्लाइंग रेंज और 3 घंटे तक भर सकता है उड़ान.
- लेजर सिस्टम-सेंसर और नाइट विजन सिस्टम से लैस है.
किसी भी मौसम में ऑपरेशन कर सकते हैं ये हेलीकॉप्टर्स
ये हेलीकॉप्टर्स दिन रात और किसी भी मौसम में ऑपरेशन कर सकते हैं. खासतौर से ऊंचे पहाड़ों में बने आतंकी कैंपों और दुश्मन कई सेना के ठिकानों और छावनियों पर ये हमला करने में ये सक्षम हैं. भारतीय वायुसेना नए पठानकोट स्थित अपाचे की स्कॉवड्रन को 'ग्लैडिएटर' (Gladiator) नाम दिया गया है. इस स्कॉवड्रन का मोटो है 'बलिदान वीरस्य भूषणम' यानि बलिदान ही वीरों का आभूषण होता है.
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