आठ साल की बच्ची का सम्मान लेने से इनकार, प्रधानमंत्री मोदी से की ये गंभीर अपील
कल महिला दिवस के मौके पर पीएम मोदी का ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम महिलाएं चलाएंगी.प्रेरणास्रोत महिलाओं के सम्मान में पीएम मोदी अपना निजी अकाउंट चलाने की जिम्मेदारी सौंपेंगे.ट्वीटर पर लिस्ट में शामिल एक 8 वर्षीय बालिका ने प्रधानमंत्री के न्यौते को अस्वीकार कर दिया है.
नई दिल्ली: 8 वर्षीय पर्यावरण कार्यकर्ता ने प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान को स्वीकार करने से इंकार कर दिया है. मणिपुर की लिसिप्रिया कंगुजम अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बनेंगी. लिसिप्रिया कंगुजम जलवायु परिवर्तन पर अपनी मांग को अनसुना किए जाने से नाराज हैं.
समाज के लिए प्रेरणा बनी देश की महिलाओं के सम्मान में प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीटर पर हैशटैग चलाया है. शुक्रवार को 8 वर्षीय लिसिप्रिया कंगुजम के संघर्ष की कहानी ट्वीटर पर साझा कर उन्हें प्रेरणास्रोत बताया गया. सरकार ने उनको अब तक मिले सम्मान की फेहरिस्त बताते हुए पूछा कि क्या उन्हें प्रेरणा स्रोत नहीं माना जा सकता ? लोगों को प्रेरित किया गया कि अगर उनके पास भी किसी औरत के संघर्ष की कहानी है तो प्रधानमंत्री के ट्वीटर हैंडल पर जा कर शेयर करें.
@LicypriyaK is an child environmental activist from Manipur. In 2019, she was awarded a Dr. APJ Abdul Kalam Children Award, a World Children Peace Prize, and an India Peace Prize. Isn't she inspiring? Do you know someone like her? Tell us, using #SheInspiresUs . pic.twitter.com/bJLEDIwfpH
— MyGovIndia (@mygovindia) March 5, 2020
इसके जवाब में कंगुजम लिखा, "प्रधानमंत्री महोदय! कृप्या आप मेरा सम्मान मत करें जबकि आप मेरी बात नहीं सुन रहे हैं. आपका शुक्रिया देश की प्रेरणादायक महिलाओं की लिस्ट में मुझे रखने के लिए. काफी सोच विचार के बाद मैं इस नतीजे पर पहुंची हूं कि ये सम्मान मुझे नहीं चाहिए."
@LicypriyaK is an child environmental activist from Manipur. In 2019, she was awarded a Dr. APJ Abdul Kalam Children Award, a World Children Peace Prize, and an India Peace Prize. Isn't she inspiring? Do you know someone like her? Tell us, using #SheInspiresUs . pic.twitter.com/bJLEDIwfpH
— MyGovIndia (@mygovindia) March 5, 2020
सुरक्षित पर्यावरण के लिए काम करनेवाली बाल कार्यकर्ता कार्बन उत्सर्जन और ग्रीन हाउस गैसों को कम करनेवाले कानून की मांग करती रही हैं. स्कूली पाठ्यक्रम में जलवायु परिवर्तन को एक अनिवार्य विषय के तौर पर भी शामिल करने की मांग है. कंगुजम को उम्मीद है सरकारी प्रस्ताव को अस्वीकार करने पर उनकी बातों को तवज्जो मिलेगी.
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