मुंबईः एल्गार परिषद-माओवादी संपर्क मामले में आरोपी एक्टिविस्ट फादर स्टेन स्वामी के वकील ने शुक्रवार को यहां एक विशेष अदालत को बताया कि तलोजा जेल अधिकारियों ने स्वामी को एक ‘स्ट्रॉ’ और ‘सिपर’ दिया है.


83 साल के स्वामी ने शुक्रवार को तीन नये आवदेन दाखिल कर नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को उनका बैग (उनकी गिरफ्तारी के समय एजेंसी ने जब्त किया था) और हार्ड डिस्क की कॉपी लौटाने और तलोजा जेल से उन्हें स्थानांतरित नहीं करने के निर्देश दिये जाने का आग्रह किया है. स्वामी ने दावा किया है कि उन्हें आशंका है कि उन्हें नवी मुंबई में यहां के निकट तलोजा जेल से स्थानांतरित किया जायेगा.


कई बीमारियों से ग्रस्त स्वामी को एनआईए ने आठ अक्टूबर को गिरफ्तार किया था. पिछले महीने उन्होंने एक आवेदन दाखिल कर गिरफ्तारी के समय उनके पास से कथित तौर पर जब्त किये गये स्ट्रॉ और सिपर देने का अनुरोध किया था.


स्ट्रॉ, सिपर और गर्म कपड़े के लिए किया था आवेदन
एनआईए ने हालांकि अदालत को पिछले महीने बताया था कि स्वामी के पास से स्ट्रॉ और सिपर जब्त नहीं किया गया था और इसलिए उन्हें इन वस्तुओं को वापस करने का सवाल ही नहीं उठता है.इसके बाद स्वामी ने एक आवेदन दाखिल कर जेल अधिकारियों को उन्हें एक स्ट्रॉ, सिपर और गर्म कपड़े उपलब्ध कराये जाने के निर्देश देने का आग्रह किया था.


विशेष एनआईए अदालत ने 26 नवम्बर को जेल अधीक्षक को इस आवेदन पर अपना जवाब दाखिल करने के निर्देश दिये थे.स्वामी के वकील शरीफ शेख ने शुक्रवार को विशेष एनआईए न्यायाधीश डी ई कोथलीकर को बताया कि स्वामी को जेल अधिकारियों ने स्ट्रॉ और सिपर तथा गर्म कपड़े उपलब्ध करा दिये हैं.स्वामी ने चिकित्सा आधार पर एक जमानत याचिका भी दायर की थी. अदालत ने उनके स्वास्थ्य हालात पर तलोजा जेल से एक रिपोर्ट मांगी थी.


अगली सुनवाई 10 दिसम्बर को होगी
जेल अधिकारियों ने शुक्रवार को अदालत को बताया कि उन्हें रिपोर्ट सौंपने के लिए समय की जरूरत है जिसके बाद अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 10 दिसम्बर तय की. अदालत ने कहा कि वह 10 दिसम्बर को स्वामी द्वारा दाखिल तीन नये आवेदनों पर भी सुनवाई करेगी.एनआईए के वकील प्रकाश शेट्टी ने अदालत को बताया कि स्वामी का कोई भी सामान एजेंसी के पास नहीं है।


एजेंसी के अनुसार, स्वामी प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) की गतिविधियों में लिप्त थे ओर उन्हें एक सहयोगी के माध्यम से माओवादी एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए धन मिला. एनआईए का यह भी दावा है कि स्वामी सीपीआई (माओवादी) के मुखौटा संगठन‘‘पर्सीक्यूटेड प्रिज़नर्स सॉलिडेरिटी कमेटी’’ (पीपीएससी) के समन्वयक भी हैं.


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