चक्रवात यास से निपटने के लिए NDRF की 85 टीमें तैनात, मेडिकल टीम के साथ-साथ दवाईयां और राहत-बचाव का सामान लेकर मौके पर मौजूद
यास तूफान 26 मई को ओडिसा और पश्चिम बंगाल में लैंडफाल करने की उम्मीद है. इन दोनों राज्यों के अलावा इस चक्रवाती तूफान का असर अंडमान निकोबार के उत्तरी क्षेत्रों और तमिलनाडु में भी होने की आशंका है. यही वजह है कि स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ सशस्त्र-सेनाएं भी पूरी तरह चौकस और तैयार हो गई हैं.
कोलकाताः बंगाल की खाड़ी में यास चक्रवात की आंशका से राज्य और स्थानीय प्रशासन के साथ साथ एनडीआरएफ, कोस्टगार्ड, नौसेना, वायुसेना और थलसेना भी पूरी तरह से सतर्क हैं और प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों के लिए अपनी टीम तैनात करनी शुरू कर दी है. कोस्टगार्ड के जहाज और विमान पिछले तीन-चार दिनों से बंगाल की खाड़ी और पूर्वी तटों पर मछुआरों, बोट्स और कॉमर्शियल जहाजों को लाउड-स्पीकर के जरिए समंदर में ना जान की अपील कर रही हैं.
ताजा जानकारी के मुताबिक, चक्रवात यास के खिलाफ एनडीआरएफ की अब कुल 85 टीमों को तैनात किया गया है. पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में 32, ओडिसा में 28, अंडमान में 4, आंध्र प्रदेश में 3 और तमिलनाडु में 2 टीमें तैनात किए गए हैं. इसके अलावा 17 एसएआर यानि सर्च एंड रेस्क्यू टीम को स्टैंड बाय और बैकअप प्लान के लिए रखा गया है.
शनिवार को कोस्टगार्ड के सीनियर ऑफिसर्स ने सभी बंदरगाह, पोर्ट-एथोरिटी, ऑयल-रिग्स मछुआरों की यूनियन के साथ वजुर्यल मीटिंग कर खतरे से आगाह किया और सभी संबधित कर्मचारियों को सुरक्षित तटों पर पहुंचने का आहवान किया.
शनिवार को कोस्टगार्ड के सीनियर ऑफिसर्स ने सभी बंदरगाह, पोर्ट-एथोरिटी, ऑयल-रिग्स मछुआरों की यूनियन के साथ वजुर्यल मीटिंग कर खतरे से आगाह किया और सभी संबधित कर्मचारियों को सुरक्षित तटों पर पहुंचने का आहवान किया.
भारतीय नौसेना ने भी तूफान की आंशका को देखते हुए कमस कस ली है. नौसेना की विशाखापट्टनम स्थित पूर्वी कमान मुख्यालय ने यास चक्रवात को देखते हुए कम से कम चार (04) युद्धपोतों को एचएडीआर यानि ह्यूमन अस्सिटेंस एंड डिजास्टर रिलीफ के लिए स्टैंड-बाय भी रख दिया है.
इन जहाजों में मेडिकल टीम के साथ-साथ दवाईयां और दूसरा राहत और बचाव का सामान है. इसके अलावा बंगाल और ओडिसा में नौसेना ने आठ (08) डाइविंग टीम अभी से तैनात कर दी हैं.
विशाखापट्टनम स्थित आईएनएस डेका और चेन्नई स्थित आईएनएस राजाली एयरबेस पर हेलीकॉप्टर्स और टोही विमानों को अलर्ट पर रखा गया है ताकि प्रभावित क्षेत्रों का एरियल-सर्वे के साथ साथ एयर-ड्रॉप के जरिए जरूरी सामान पीड़ित लोगों तक पहुंचाया जा सके. इसके अलावा हेलीकॉप्टर्स को कैजयुल्टी-इवेक्युशेन के लिए भी तैयार रहने के आदेश दे दिए गए हैं.
एनडीआरएफ ने भी ओडिसा में 18 टीमें तैनात कर दी हैं, जबकि चार टीमें रिजर्व में रखी गई हैं. पश्चिम बंगाल में भी एनडीआरएफ की पांच टीमों को वायुसेना के एयरक्राफ्ट्स से एयरलिफ्ट कर कोलकता पहुंचा दिया गया है. ऐसी ही तमिलनाडु के आराकोनम से एनडीआरएफ की टीम को वायुसेना ने पोर्ट-ब्लेयर पहुंचाया है. कुल मिलाकर वायुसेना ने रविवार को एनडीआरएफ के कुल 334 जवानों और 21 टन लोड को एयरलिफ्ट किया.
वायुसेना के प्रवक्ता, विंग कमांडर आशीष मोघे के मुताबिक, एयरफोर्स का एक सी-17 ग्लोबमास्टर, एक आईएल-76, तीन सी-130 हरक्युलिस, चार एएन-32 और दो डोरनियर ट्रांसपोर्ट विमान यास तूफान से निपटने के लिए तैनात किए गए हैं. इसके अलावा 11 एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर, 07 एमआई17, 2 चेतक, 3 चीता और 2 एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर्स भी किसी भी तरह के चुनौती से निपटने के लिए तैयार हैं.