होशियारपुर: पिछले चार सालों से इराक में लापता 39 भारतीयों की मौत हो चुकी है. भारत सरकार ने अब जा कर इसकी आधिकारिक पुष्टि की है. इस खबर से सालों से इंतजार कर रहे 39 भारतीयों के घरवालों को गहरा सदमा लगा है. कई लोग ये मानने के लिए तैयार नहीं हैं कि उनके बेटे या पति अब इस दुनिया में नहीं हैं. पीड़ित परिवारों ने सरकार पर अपना गुस्सा जाहिर किया है और कहा कि इतने सालों तक इन्होंने हमें अंधेरे में रखा.
दर्द की कहानी
होशियारपुर के रहने वाले 35 साल के हरदीप 2013 में मोसुल नौकरी करने गए थे. सिर्फ़ 9 महीने बतौर इलेक्ट्रिशियन की नौकरी की थी. आख़िरी बार जून में परिवावालों से हरदीप की बात हुई थी, हालांकि उस समय पत्नी की बात नहीं हो पाई थी. हरदीप के पिता इस वक़्त बेहद गंभीर हालात में हैं और बार बार बोल रहें हैं कि उनके बेटा जीवित है. हरदीप की मां को कल जब ख़बर मिली तो उन्हें दिल का दौरा पड़ा जिसकी वजह से उन्हे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालांकि आज सुबह वो अस्पताल से वापस आई हैं. पत्नी अनीता ने बताया कि हरदीप के मोसुल जाने के 2 महीने बाद बेटे का जन्म हुआ था. तीन भाईयों में हरदीप सबसे बड़े थे.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को 39 भारतीयों के मौत की पुष्टि की. सुषमा ने कहा कि लंबी खोज के बाद भारतीयों के शव मिल चुके हैं. हालांकि, 4 साल पहले एबीपी न्यूज़ ने बता दिया था कि आतंकी संगठन ISIS ने सभी लोगों की हत्या कर दी है. इस मामले में कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने मांग की कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को इसके लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए. साथ ही पार्टी ने यह भी कहा कि प्रत्येक मृतक के निकट परिजन को सरकार की ओर से दो करोड़ रुपये दिये जाएं. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इन भारतीयों की मौत पर स्तब्धता जताते हुए गहरा शोक व्यक्त किया है.