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9 नए, 4 पुराने- क्या है राजनीतिक गणित, खूबियां और दिलचस्प जानकारियां
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अपने मंत्रिपरिषद का बहुप्रतीक्षित विस्तार किया जिसमें नौ नए चेहरों को शामिल किया गया. चार मंत्रियों धर्मेन्द्र प्रधान, पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण और मुख्तार अब्बास नकवी को कैबिनेट मंत्री के रूप में प्रमोशन दी गई.
आइए जानते हैं इस कैबिनेट विस्तार की ऐसी जानाकारियां जिसके के कई मायने निकलते हैं:-
अल्पसंख्यकों को मिली काफी जगह
- चार मंत्रियों का प्रमोशन हुआ. इसमें एक प्रमोशन मुख्तार अब्बास नकवी का हुआ. नकवी बीजेपी में काफी सीनियर नेता हैं, लेकिन उन्हें सवा तीन साल के लंबे इंतजार के बाद प्रमोशन दिया गया.
- मुख्तार अब्बास नकवी के प्रमोशन के साथ ही मोदी के मंत्रिमंडल में पहला मुसलमान कैबिनेट दर्जे का मंत्री बन पाया है.
- नकवी ने 2014 में चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी में साबिर अली की एंट्री का विरोध करते हुए तंज कसा था कि अब पार्टी में दाऊद इब्राहिम को भी शामिल कर लिया जाए.
- इस विस्तार में हरदीप सिंह को भी जगह मिली है, जो सिख समुदाय से आते हैं.
- अल्फोंज कन्ननथनम भी मंत्री हैं, जो ईसाई हैं. इस तरह इस विस्तार में धार्मिक अल्पसंख्यकों को 33 फीसदी जगह मिली है.
- पोलिटिकल एक्सपर्ट कंचन गुप्ता का कहना है कि इससे कैबिनेट ज्यादा बैलेंस दिखेगा और जो आलोचना करते हैं उनका मुंह बंद होगा
चुनावी गणित
- इस विस्तार में कर्नाटक, मध्य प्रदेश और राजस्थान पर जोर दिया गया है. अगले साल इन राज्यों में विधानसभा के चुनाव हैं.
- कर्नाटक से अनंत कुमार हेगड़े को मंत्री बनाया गया है. सूबे में कांग्रेस की सरकार है
- मध्य प्रदेश और राजस्थान से भी एक-एक मंत्री बनाए गए हैं.
- हालांकि, हिमाचल प्रदेश और गुजरात से किसी को मौका नहीं मिला है, जहां आने वाले दिनों में चुनाव हैं
यूपी-बिहार का दबदबा
- इस विस्तार में संख्या के हिसाब से यूपी और बिहार का दबदबा रहा. दोनों सूबों से दो-दो मंत्री बनाए गए. इसका मतलब हुआ कि 9 में करीब-करीब आधे मंत्री यूपी और बिहार से बने
- इस विस्तार में 9 नए चेहरों से सात राज्यों को प्रतिनिधित्व मिला
अफसर अधिकारी का बोल-बाला
- इस विस्तार में 9 नए चेहरों में चार बड़े सरकारी अधिकारी रहे हैं. दो आईएएस, एक आईपीएस और एक आईएफएस को जगह मिली
दो मंत्री किसी भी सदन के सदस्य नहीं
- इस विस्तार में दो मंत्री ऐसे हैं जो किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं
- एक हैं अल्फोंज कन्ननथनम और दूसरे हैं हरदीप सिंह पुरी
-इसका मतलब हुआ कि अब इन्हें छह महीने के अंदर सांसद भी बनाया जाएगा
मोदी कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या
- अब मोदी कैबिनेट में 76 मंत्री हो गए. यानी तीन मंत्रियों की संख्या बढ़ गई है... क्योंकि 6 मंत्रियों ने इस्तीफा दिया है.
-मंत्रिमंडल में मंत्रियों की अधिकतम संख्या 81 हो सकती है. यानि अधिकतम से सिर्फ 5 मंत्री कम हैं.
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