वो 5 बड़े वादे जिसे 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य था, अब तक पूरा नहीं हो सका
एनडीए को सत्ता में रहते हुए 9 साल पूरे हो गए हैं. इन 9 सालों में नरेंद्र मोदी ने जनता की हित में स्वच्छ भारत अभियान से लेकर जनधन योजना जैसी कई योजनाओं की शुरुआत की.
इस साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने सत्ता में अपने नौ साल पूरे कर लिए है. साल 2014 की 26 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार की कमान संभाली थी. उस साल मोदी लहर पर सवार होकर बीजेपी ने प्रचंड बहुमत हासिल किया था.
साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भी मोदी सुनामी ने विपक्षी दलों के कई पुराने दरख्त उखाड़ दिए थे. भारतीय जनता पार्टी ने पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे पर 303 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी.
अब एनडीए को सत्ता में रहते हुए 9 साल पूरे हो गए हैं. इन 9 सालों में नरेंद्र मोदी ने जनता की हित में स्वच्छ भारत अभियान से लेकर जनधन योजना, हर भारतीय परिवार को पक्का घर से लेकर हरेक घर को पेयजल की सुविधा जैसी कई योजनाओं की शुरुआत की.
मौजूदा सरकार ने इन घोषणाओं और योजनाओं को पूरा करने के लिए एक समय सीमा भी तय की थी. अब सवाल उठता है कि क्या पीएम मोदी ने इन योजनाओं को लेकर जो लक्ष्य निर्धारित किया था, वह पूरा हो पाया?
पीएम मोदी के 5 बड़े वादे
1. हर भारतीय परिवार को पक्का घर: केंद्र सरकार की इन योजनाओं में प्रधानमंत्री आवास योजना एक महत्वपूर्ण योजना है. इसके तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों को सरकार घर उपलब्ध कराने का प्रयास करती है. पीएम मोदी ने 'प्रधानमंत्री आवास योजना' को साल 2015 में शुरू किया गया था, योजना का मुख्य उद्देश्य साल 2022 तक भारत के हर परिवार को ग्रामीण और शहर में पक्का घर देना था. हालांकि तय किए गए समय तक लक्ष्य पूरा नहीं हो पाने के योजना की अवधि को साल 2024 तक बढ़ा दिया गया.
साल 2021 में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रधानमंत्री की अगुवाई में हुए मंत्रिमंडल की बैठक में बताया कि इस योजना को लॉन्च करते समय ग्रामीण भारत में 2.95 करोड़ पक्का घर बनाने का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन अब तक यानी साल 2021 तक केवल 1.65 करोड़ घर ही बनाए गए हैं.
2. हर घर को 24*7 बिजली की उपलब्धता: सबको पक्का घर दिलाने की घोषणा की तरह ही सितंबर 2015 में प्रधानमंत्री ने कहा था कि साल 2022 भारत के हर घर को 24 घंटे बिजली मिलने लगेगी. सरकार के इस घोषणा की समय सीमा भी पूरी हो चुकी है लेकिन अभी तक भारत के सभी घरों को 24 घंटे बिजली नहीं मिल पाई है. 24 घंटे बिजली मिलना तो दूर कई गांव ऐसे भी हैं, जहां आज तक बिजली नहीं पहुंच पाई है.
3. पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था: सितंबर 2018 में देश के प्रधानमंत्री ने कहा था कि आने वाले चार साल तक यानी साल 2022 तक भारत पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा. पीएम मोदी की इस घोषणा को कई बीजेपी नेताओं ने सार्वजनिक मंच और चुनावी रैलियों में भी दोहराया है.
अब साल 2022 खत्म हो गया तो और इस साल भारत की अर्थव्यवस्था पांच खरब डॉलर होने वाला लक्ष्य भी पूरा नहीं हो सका. देश की अर्थव्यवस्था वर्तमान में लगभग तीन खरब डॉलर पर अटकी हुई है.
4. किसानों की आय दोगुनी करना: साल 2017 में भारत के प्रधानमंत्री ने कहा था कि साल 2022 तक देश के सभी किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी. केंद्र सरकार ने इस बात को साल 2021 तक केंद्र सरकार के हर वार्षिक बजट में दोहराई थी. अब केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किया हुआ समय खत्म हो गया है लेकिन किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई.
साल 2023-24 के वार्षिक केंद्रीय बजट में किसानों का बजट अनुमान पिछले साल से कम कर दिया गया है. यानी साल 2023-24 में कृषि बजट 1.24 लाख करोड़ था जिसे घटाकर 1.15 करोड़ के आसपास कर दिया गया है.
पिछले साल की तुलना में फसल बीमा योजना का आवंटन भी 15,500 करोड़ से कम कर के 13,625 करोड़ रुपए कर दिया गया है. इसके अलावा खाद पर मिलने वाली सब्सिडी में भी भारी कटौती की गई है.
5. बुलेट ट्रेन का काम पूरा करना: 14 सितंबर 2017 को पीएम नरेंद्र मोदी ने जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ गुजरात के अहमदाबाद में मुंबई से अहमदाबाद के बीच अपनी महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी. उस वक्त मोदी सरकार ने कहा था कि देश जब 15 अगस्त 2022 को 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा होगा उस वक्त देश की पहली बुलेट ट्रेन पटरी पर दौड़ने लगेगी. अब साल 2022 खत्म हो चुका है लेकिन भारत में बुलेट ट्रेन कब तक दौड़ेगी इसे लेकर अब तक संशय की स्थिति बनी हुई थी.
हालांकि फरवरी महीने में हुए एबीपी न्यूज के कॉन्क्लेव में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि 2026 के अगस्त महीने से देश की पहली बुलेट ट्रेन पटरी पर दौड़ने लगेगी.
9 साल में पीएम मोदी के 9 बड़े फैसले
- साल 2014 में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी.
- साल 2015 में उन्होंने पीएम आवास योजना को तेजी से आगे बढ़ाने का फैसला लिया गया था.
- साल 2016 में नोटबंदी का फैसला लिया गया था जो कि एनडीए के कार्यकाल का सबसे चौंका देने वाला फैसला रहा.
- साल 2017 में देश की अर्थव्यवस्था को तेज गति देने के लिए जीएसटी लागू करने का फैसला किया.
- साल 2018 में मोदी सरकार ने पात्र लाभार्थियों के लिए आयुष्मान भारत योजना शुरू की.
- साल 2019 में पीएम मोदी का सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाने का फैसला किया था.
- साल 2020 राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन कर दिया.
- साल 2021 में कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान की शुरुआत की.
- साल 2022 में डिजिटल इंडिया के सपने को पूरा करने के लिए मोदी सरकार ने 5G सेवाओं की शुरुआत की.
पीएम मोदी के 9 साल पूरे होने पर विपक्ष ने क्या कहा
सत्ता में रहते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी कामयाबियां गिनाने की कोशिश की तो विपक्षी पार्टियां उस पर हमलावर हो गईं. दरअसल हाल ही में भारतीय जनता पार्टी ने सोशल मीडिया पर अपनी कामयाबियों की लिस्ट पोस्ट की थी.
इस पोस्ट पर कांग्रेस पलटवार करते हुए बीजेपी पर नौ सवाल दाग दिए. कांग्रेस ने ये 9 सवाल सोशल मीडिया पर ही नहीं किए बल्कि देश के 24 से ज्यादा शहरों में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी सरकार पर भी सवाल उठाए.
कांग्रेस ने इस मौके पर ट्वीट करते हुए कहा, 'देश के 28 शहरों में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर नौ साल से सत्ता में रही मोदी सरकार की बीते नौ सालों की नौ नाकामयाबियां जनता के सामने रखी गईं. हम हमेशा लोगों की आवाज उठाते रहेंगे. हम संविधान के लिए लड़ते रहेंगे और सरकार को जिम्मेदार ठहराएंगे."
कांग्रेस ने बीजेपी पर यहां तक आरोप लगा दिया कि बीते नौ सालों में बीजेपी ने जनता से जो नौ वादे किए थे उसे पूरा नहीं किया गया. अपनी ट्वीट में कांग्रेस ने इससे जुड़ी एक तस्वीर भी पोस्ट की और लिखा 'नौ साल वादाख़िलाफ़ी के.'
तस्वीर के अनुसार, "मोदी सरकार ने काला धन वापस लाने, हर साल 2 करोड़ रोजगार पैदा करने, हर व्यक्ति के खाते में 15 लाख रुपये लाने, 100 स्मार्ट सिटी बनाने, बुलेट ट्रेन शुरू करने, सबको पक्का घर देने, हर परिवार को 24 घंटे बिजली देने, अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन का बनाने और किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन सरकार इन नौ वादों को पूरा नहीं कर पाई."
बीजेपी ने गिनाईं ये कामयाबियां
- बीजेपी ने बताया कि यूपीए की सरकार में देश की औसत महंगाई दर 8.7 फ़ीसदी थी, अब एनडीए के दौर में 4.8 फीसदी है.
- बीजेपी के अनुसार कांग्रेस ने अपने दोस्तों को कोयला खदानों का लाइसेंस दिया था, लेकिन एनडीए की सरकार में पारदर्शी व्यवस्था लागू की गई है.
- यूपीए सरकार के दौरान देश में चावल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 3.09 लाख करोड़ दिया गया, एनडीए के सत्ता में रहते हुए 10.64 लाख करोड़ दिया गया.
- एलआईसी का प्रॉफिट एक साल में 27 गुना तक बढ़ा, एसबीआई ने भी एक तिमाही में बड़ा प्रॉफिट दर्ज किया.
- यूपीए के दौर में चीन भारतीय ज़मीन पर अपने पैर रख सकता था. लेकिन, एनडीए ने चीन के सामने घुटने नहीं टेके हैं.
- कांग्रेस और नफ़रत की राजनीति समानार्थी शब्द हैं इसलिए देश के अधिकतर हिस्सों से इसका सफाया हो चुका है.
- कोरोना महामारी के दौरान कांग्रेस ने डर फैलाया, वहीं दुनिया ने कोरोना के प्रबंधन के लिए भारत सरकार के काम की तारीफ की.