900 ऑक्सीजन सिलेंडर वायुसेना की मदद से एयलिफ्ट कर भारत लाए गए
ब्रिटेन की ऑक्सीजन कंपनी के 5000 सिलेंडर्स की मदद की पहले खेप 900 सिलेंडरों के रूप में भारत पहुंच गई है. इन सिलेंडरों को भारतीय वायुसेना के विमानों द्वारा एयरलिफ्ट कर भारत गया है.

कोरोना की दूसरी लहर के खिलाफ भारत की लड़ाई में ब्रिटेन की ऑक्सीजन कंपनी के 5000 सिलेंडर्स की मदद का वादा किया था. इस मदद की पहले खेप 900 सिलेंडरों के रूप में पहुंच गई है. इन सिलेंडरों को भारतीय वायुसेना के विमानों द्वारा एयरलिफ्ट कर भारत गया है. ऑक्सीजन की कमी से देश में हो रही मौतों के बीच इन ऑक्सीजन सिलेंडरों का देश में पहुंचना काफी अहम् है.
भारत कोरोना से सबसे ज्यादा पीड़ित देश
कोरोना से जूझते हुए भारत को ब्रिटेन ने 1000 वेंटिलेटर्स दिए जाने की घोषणा की थी. इसके बाद वहां के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए 200 अतिरिक्त वेंटिलेटर्स, 495 ऑक्सीजन कंसट्रेंटर्स और 3 ऑक्सीजन जनरेशन यूनिट की मदद की भी बात कही है. कोरोना की दूसरी लहर में भारत में कोविड संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इन वक्त भारत पूरी दुनिया में कोरोना से सबसे ज्यादा पीड़ित देश के रूप में पहचाना जा रहा है.
भारत की मदद के लिए बढ़े कई हाथ
कोविड के खिलाफ जूझ रहे भारत को मदद करने के लिए दुनिया के कई देश हाथ बढ़ा रहे हैं. पूरी दुनिया से ऑक्सीजन कंटेनर्स, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स, वैक्सीन निर्माण के लिए रॉ मटेरियल, पीपीई किट्, सहित कई प्रकार की मदद मिल रही है. दुनियाभर से मिल रही इस मदद को स्वदेश लाने के काम में वायुसेना लगातार पूरी मुस्तैदी से काम कर रही है. भारत में अभी भी रोजाना साढ़े तीन लाख से ज्यादा नए कोविड मरीज लगातार सामने आ रहे हैं. देश का मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर इतने ज्यादा लोगों के इलाज के लिए नाकाफी साबित हो रहा है. खासतौर पर ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतें बड़ी चिंता का विषय है. ऐसे में दूसरे देशों से मिलने वाली ऑक्सीजन की मदद से उम्मीद है कि हालात बेहतर हो सकेंगे.
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