Explained: दिसंबर तक सबके टीकाकरण के लिए 92 लाख डोज़ प्रति दिन लगाने होंगे
अगर भारत को 18 या उससे अधिक उम्र के सभी लोगों को पूरी तरह से टीकाकरण का लक्ष्य पूरा करना है, तो भारत को एक दिन में औसतन 92 लाख खुराक देने पड़ेंगे.
नई दिल्ली: देश में कोरोना के नए मामले अभी भी रोजाना चालीस हजार के आस पास बना हुआ है. देश के कुछ राज्यों में एक बार फिर संक्रमण दर में तेजी देखी जा रही है. एम्स अस्पताल के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि हमें समय रहते उचित कदम उठाने होंगे. कोरोना के खिलाफ जारी इस जंग में सबसे बड़ा हथियार वैक्सीन है.
सरकार ने इस साल के आखिर तक सभी वयस्कों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा है. इस बीच एक वैक्सीन से जुड़ा एक अहम मुकाबला सामने आया है. अगर भारत को 18 या उससे अधिक उम्र के सभी लोगों को पूरी तरह से टीकाकरण का लक्ष्य पूरा करना है, तो भारत को एक दिन में औसतन 92 लाख खुराक देने पड़ेंगे.
इसके अलावा आबादी के हिसाब से देश के चार बड़े राज्यों उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार और पश्चिम बंगाल को अब तक के साप्ताहिक औसत से करीब दो गुने टीके लगाने होंगे. उत्तर प्रदेश और बिहार को अपने साप्ताहिक औसत से टीकाकरण ढाई गुना ज्यादा तेज करना होगा.
2021 तक भारत की वयस्क आबादी का अनुमान 94 करोड़ के करीब है, जिसका मतलब है कि सभी को पूरी तरह से टीका लगाने के लिए 188 करोड़ खुराक की जरूरत है. जुलाई आखिर तक देश में कोरोना वैक्सीन की 47 करोड़ खुराकें दी जा चुकी हैं, अब बचे हुए साल में 153 दिनों में 141 करोड़ की खुराक दी जानी है। इसलिए हिसाब से लक्ष्य हासिल करने के लिए हर दिन करीब 92 लाख डोज़ देने की जरूरत है।
इस साल के आखिर तक लक्ष्य को पूरा करने के लिए सिर्फ राजधानी दिल्ली और कुछ राज्यों को अपने रिकॉर्ड वैक्सिनेशन से कम के औसत की जरूरत होगी. इनमें से कुछ छोटे राज्य हैं जैसे हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड और बड़े राज्यों की बात करें तो सिर्फ केरल और मध्य प्रदेश ही अपने रिकॉर्ड वैक्सिनेशन से कम औसत रख सकते हैं.
देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां अभी तक एक हफ्ते में सबसे ज्यादा 6.7 लाख डोज़ दिए गए हैं. उत्तर प्रदेश को लक्ष्य हासिल करने के लिए इस औसत को बढ़ाकर रोजाना 16.1 लाख टीके देने होंगे. इसमें रविवार भी शामिल है. ऐसे बिहार में भी अब तक एक हफ्ते में सबसे ज्यादा 3.3 लाख टीके दिए गए हैं. लेकिन अगर लक्ष्य हासिल करना है तो इसे प्रति सप्ताह बढ़ाकर आठ लाख करना होगा.
वैक्सिनेशन की रफ्तार में कमी की बात करें तो इसके पीछे सबसे बड़ा कारण वैक्सीन की कमी है. सरकार को उम्मीद है कि अगस्त में करीब 15 करोड़ और सितंबर में 19-20 करोड़ डोज़ मिलेंगी. सरकार के इस दावे को सच मानें तो सितंबर के आखिर तक भारत 35 करोड़ औऱ डोज़ दे देगा. इसके बाद अगले 92 दिन में 106 करोड़ खुराक देनी होंगी.
जुलाई में औसतन दी गईं 43 लाख डोज़. अभी देश की बड़ी आबादी को नहीं लगा टीका
जुलाई महीने की बात करें तो हर दिन औसतन 43.41 लाख वैक्सीन डोज़ दी गई हैं. यह पिछले महीने से करीब 12 लाख डोज़ ज्यादा हैं. जुलाई महीने में कुल 13.50 करोड़ वैक्सीन डोज़ दी गईं. मौजूदा आंकड़ों की बात करें तो 94 करोड़ वयस्क आबादी में से 46.99 आबादी को अभी तक एक भी डोज़ नहीं लगी है. वहीं दूसरी ओर सरकार की ओर से जानकारी दी गई थी कि जल्द ही बच्चों का टीकाकरण भी शुरू हो सकता है. एनडीटीवी की वेबसाइट पर छपी खबर के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्री ने कैबिनेट मीटिंग में बताया था कि सितंबर से बच्चों को कोरोना की वैक्सीन लगनी शुरू हो सकती है.
पिछले एक हफ्ते में कोरोना टीकाकरण
26 जुलाई– 66.03 लाख
27 जुलाई– 40.02 लाख
28 जुलाई– 43.92 लाख
29 जुलाई– 51.83 लाख
30 जुलाई– 52.99 लाख
31 जुलाई– 60.15 लाख
1 अगस्त– 17.06 लाख
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