Profiling of SSW: संसद में पेश सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश भर में 2019 और 2023 के बीच सीवर और सेप्टिक टैंक की खतरनाक सफाई से कम से कम 377 लोगों की मौत हुई है. इन मौतों को रोकने के लिए सीवर और सेप्टिक टैंक श्रमिकों (एसएसडब्ल्यू) की प्रोफाइलिंग की जा रही है.
29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 3,000 से अधिक शहरी स्थानीय निकायों से एकत्र किए गए सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि अब तक पेश किए गए 38,000 श्रमिकों में से 91.9% अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) या अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदायों से संबंधित हैं. प्रोफाइलिंग में 68.9% एससी, 14.7% ओबीसी, 8.3% एसटी और 8% सामान्य श्रेणी से श्रमिक थे.
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा की जा रही हैं प्रोफाइलिंग
नमस्ते कार्यक्रम के तहत सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा सीवर और सेप्टिक टैंक कर्मचारियों (एसएसडब्लू) की प्रोफाइलिंग की जा रही है. नमस्ते कार्यक्रम में सीवर के सभी कामों को मशीनीकृत करने और खतरनाक सफाई कार्य के कारण होने वाली मौतों को रोकने की योजना है.
मंत्रालय का कहना है कि नमस्ते कार्यक्रम का लक्ष्य सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई से सीधे जुड़े कर्मचारी की पहचान करना है. इसमें डीस्लजिंग वाहनों के ड्राइवर, हेल्पर, मशीन ऑपरेटर और क्लीनर शामिल हैं. इस कार्यक्रम का लक्ष्य कर्मचारियों को सुरक्षा प्रशिक्षण और उपकरण देना और पूंजीगत सब्सिडी प्रदान करना है. आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय का अनुमान है कि पांच लाख की शहरी आबादी के लिए 100 कोर सफाई कर्मचारी हैं.
इन राज्यों में पूरी हुई प्रक्रिया
केरल, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर समेत बारह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने प्रोफाइलिंग प्रक्रिया पूरी कर ली है, जबकि आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र समेत 17 राज्यों में यह प्रक्रिया अभी भी जारी है. छत्तीसगढ़, मेघालय और पश्चिम बंगाल उन राज्यों में शामिल हैं, जिन्होंने अभी तक प्रोफाइलिंग प्रक्रिया शुरू नहीं की है. तमिलनाडु और ओडिशा SSW के लिए अपने स्वयं के कार्यक्रम चला रहे हैं, और इस कार्यक्रम के तहत केंद्र को डेटा रिपोर्ट नहीं कर रहे हैं.