नई दिल्ली: कोरोना जैसी महामारी की रोकथाम के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के पहले दिन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में पुलिस ने 1012 मामले दर्ज किए. इनमें से ज्यादातर मामले धारा-188 और दिल्ली पुलिस एक्ट के तहत दर्ज किए गए. वहीं, 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के दिन करीब 49 हजार लोगों के चालान काटे गए.


दिल्ली पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, ' ये आंकड़े दिल्ली के पंद्रह पुलिस जिलों से प्राप्त हैं. इन पंद्रह जिलों में से तीन जिलों (मध्य, बाहरी और पश्चिमी) से आंकड़े पुलिस मुख्यालय को उपलब्ध नहीं हो सके हैं.' दिल्ली पुलिस मुख्यालय से जारी अधिकृत बयान के मुताबिक, 'यह आपराधिक मामले आईपीसी की धारा- 188 व दिल्ली पुलिस एक्ट की धारा 65 व 66 के तहत दर्ज किये गये.


दिल्ली पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक, 'कुल दर्ज मामलों में 100 मामले विभिन्न थानो में आईपीसी की धारा 188 के तहत दर्ज हुए, जबकि दिल्ली पुलिस एक्ट की धारा 65 के अंतर्गत 475 और दिल्ली पुलिस एक्ट की ही धारा 66 के तहत 323 सहित 801 केस दिल्ली पुलिस एक्ट के अधीन दर्ज किये गये. 15 जिलों में धारा 188 के तहत सबसे ज्यादा 29 मामले दक्षिण पूर्वी जिले में दर्ज हुए, जबकि इस जिले में डीपीएक्ट के तहत सबसे ज्यादा और कुल 211 केस दर्ज किये गये.


वहीं, उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में पुलिस ने धारा 144 का उल्लंघन करने पर 96 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. वहीं, करीब दो हजार लोगों के चालान काटे गए. ग्रेटर नोएडा यमुना एक्सप्रेसवे को लॉक डाउन के चलते आज रात से पूरी तरह से बंद कर दिया जएगा. लॉक डाउन के चलते यमुना एक्सप्रेस वे पर सिर्फ इमरजेंसी के समय में ही वाहनों को जाने आने के लिए छूट दी जाएगी. बढ़ते कोरोना वायरस के पॉजिटिव मरीज मिलने के कारण प्रशासन को यह कदम उठाना पड़ रहा है.


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