नई दिल्ली: तब्लीगी जमात की गतिविधियों में शामिल होने के कारण भारत आने से 2200 से अधिक विदेशी नागरिकों को प्रतिबंधित किया गया है. इन नागरिकों को 10 साल के लिए प्रतिबंधित किया गया है. यह जानकारी सरकारी सूत्रों के हवाले से आई है. केंद्र सरकार के सूत्रों के मुताबिक इन विदेशी नागरिकों को पहले ही ब्लैकलिस्ट किया जा चुका था.


इससे पहले दिल्ली पुलिस ने इन विदेशी नागरिकों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था. दिल्ली क्राइम ब्रांच के मुताबिक, इन सभी आरोपियों ने वीजा कानून का उल्लंघन किया था. इसलिए सरकार ने इन सभी आरोपियों के वीजा रद्द करके इन्हें ब्लैकलिस्ट भी कर दिया था. आरोपियों के खिलाफ महामारी अधिनियम तोड़ने सहित अन्य तमाम गंभीर धाराओं में मुकदमें दर्ज करके इन्हें मुलजिम बनाया गया है.






आरोपियों पर चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि, इन्होंने देश में महामारी फैलाने जैसा कुकृत्य भी किया है, जिससे तमाम बेकसूर लोग प्रभावित हुए.


किन धाराओं में चार्जशीट दायर हुई ?
-वीजा के नियमों के उल्लंघन का आरोप
-महामारी एक्ट के उल्लंघन का आरोप
-आपदा प्रबंधन कानून का उल्लंघन
-धारा 144 का उल्लंघन
-खतरनाक बीमारी के संक्रमण के मामले में लापरवाही बरतने का आरोप
-क्वॉरन्टीन के नियमों को नहीं मानने का आरोप


बता दें कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बीच दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात के लोग बड़ी संख्या में जुटे थे. उनकी वजह से अन्य लोगों में भी कोरोना वायरस बहुत ज्यादा संख्या में फैल गया था. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अप्रैल महीने में तब्लीगी जमात के 960 विदेशी नागरिकों को ब्लैक लिस्ट कर दिया था. साथ ही इनके वीजा को रद्द कर दिया गया था. गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस व अन्य राज्यों की पुलिस से अपने-अपने क्षेत्र में रह रहे विदेशी नागरिकों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम व विदेशी नागरिक अधिनियम के तहत कार्रवाई करने को कहा था.