नई दिल्ली: देश भर में लगातार बढ़ रहे कोरोनावायरस के कारण चिंता गहराती जा रही है. जरा सी लापरवाही किसी को भी अस्पताल के बेड तक ले जा सकती है. देश में अब कोरोना मरीजों की संख्या 10 लाख के पार पहुंच गई है.
पिछले 24 घंटे में इस संक्रमण के सबसे ज्यादा 34,956 नए मामले सामने आए हैं और 687 लोगों की मौत हुई है. देश में कुल संक्रमितों की संख्या 10,03,832 हो गई है. इनमें 3,42,473 एक्टिव केस हैं तो वहीं 6,35,757 लोग ठीक हो चुके हैं. 25,602 लोगों ने अब तक जान गंवाई है.
वहीं देश का अगला हॉटस्पॉट बन रहे बेंगलुरू से भी बड़े चौंकाने वाले आंकड़े आ रहे हैं. बाक़ी शहरों के मुकाबले बेंगलुरू का ओवर ऑल डेथ रेट भी हैरान करने वाला है. बेंगलुरू में अब तक कुल 25288 कोविड19 के केस सामने आए हैं जिनमें 507 लोगों की जान जा चुकी है. बेंगलुरू का अब तक मौत का आंकड़ा 4.8% है. जो कि दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई से भी ज्यादा है.
रिपोर्ट के मुताबिक बेंगलुरु के सबसे बड़े कोरोना अस्पताल में वेंटिलेटर पर रखे गए 97% मरीजों की मौत हो गई. यह आंकड़ा दुनिया के सबसे ज्यादा कोरोना मृत्यु दर वाले देशों से भी ज्यादा है.
आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल में 100 साल पुराने विक्टोरिया अस्पताल को बेंगलुरु मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्स इंस्टीट्यूट से जोड़कर शहर का पहला कोरोना अस्पताल बनाया गया था. अप्रैल से लेकर अब तक अस्पताल में कोरोना से कुल 91 मरीजों की मौत हुई, इनमें 89 को वेंटिलेटर पर रखा गया था.
अस्पताल में कुल 1500 कोरोना मरीज भर्ती किए गए इनमें 91 को सांस लेने में ज्यादा तकलीफ के चलते वेंटिलेटर पर रखा गया. इनमें से 89 की मौत हो गई. आपको बता दें कि बेंगलुरू के सभी कोरोना अस्पतालों के मुकाबले विक्टोरिया अस्पताल में सबसे ज्यादा 50 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं.
विक्टोरिया अस्पताल से आए ये आंकड़ें चिंताजनक है. वेंटिलेटर पर 97% मरीजों की मौत का आंकड़ा बताता है कि इन्टेसिव केयर में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. यहां तक कि इटली में पीक के दौरान में वेंटिलेटर पर कोरोना मरीजों की मौत का आंकड़ा सिर्फ 65% था.
BMCRI की नोडल अधिकारी स्मिता सेगू के मुताबिक 15 जुलाई तक 206 मरीजों को आईसीयू में भर्ती किया, जिसमें से 91 (44%) की मौत हो गई. जो मरीज आईसीयू में भर्ती हुए उनमें से 103 (50%) मरीज ठीक हो कर डिस्चार्ज हो गए. बेंगलुरु के दूसरे अस्पतालों में जिन मरीजों का वेंटिलेटर पर इलाज नहीं हो पाया था वे मरीज भी विक्टोरिया अस्पताल पहुंचे थे.
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