नई दिल्लीः दिल्ली विश्वविद्यालय में शनिवार को 97वां दीक्षांत समारोह आयोजित हुआ. इस मौके पर इतिहास में पहली बार ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के छात्रों को डिजिटल डिग्री प्रदान की गई. कोरोना काल में इस वर्ष यह कार्यक्रम बदले हुए रूप में आयोजित हुआ. यूनिवर्सिटी के इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक मौजूद रहे. साथ ही यूपीएससी चेयरमैन पीके जोशी भी मौजूद थे.
इस बार कॉन्वोकेशन सेरेमनी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड़ से आयोजित की गई. तो वहीं, डीयू पहला ऐसा विश्वविद्यालय है जहां पहली बार इतनी बड़ी संख्या में डिजिटल डिग्रीज दी गई हैं. ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन को मिला कर तकरीबन 1,76, 790 डिजिटल डिग्री प्रदान हुई है. इसके अलावा, 670 छात्रों को पीएचडी डिग्री और साथ ही 156 मेडल और 36 प्राइज भी छात्रों को दिए गए और सम्मानित किया गया. इस मौके पर मुख्य अतिथि रमेश पोखरियाल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी में महाऋषि कनड भवन का भी उद्घाटन किया.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने छात्रों को किया संबोधित
इस मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि अब रोजगार मांगने वाला नहीं, बल्कि रोजगार देने वाला बनना होगा. युवा अब पैकेज नहीं पेटेंट की ओर बढ़ रहा है. निशंक ने संबोधन में दिल्ली विश्वविद्यालय को एक तीर्थ बताया और कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि आज उस जगह के दर्शन हुए, जहां पर देश के महान क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव को अंग्रेजों ने वाईस रीगल लॉज को एक जेल के रूप में तबदील कर कुछ समय के लिए कैद रखा था. उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ने वाले हर छात्र को इस तीर्थ स्थल के जीवन काल में एक बार दर्शन जरूर करना चाहिए. उनसे सभी को प्रेरणा मिलती है.
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