नई दिल्ली: लोकसभा में अब अगर बार-बार समझाने के बाद भी सांसद कामकाज में बाधा उत्पन्न करेंगे और वेल में आकर प्रदर्शन करेंगे तो उन्हें सीधा सदन की कार्यवाही से सस्पेंड करने पर विचार किया जा रहा है. इस विषय पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को नियम समिति के सदस्यों की बैठक हुई.


नियम में इस बदलाव पर विचार सदन की कार्यवाही को ठीक से चलाने के लिए किया जा रहा है. वर्तमान में सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित करने का एक नियम सा बन गया है. इस मीटिंग में यह अनुंशसा की गई कि ऐसे सांसदों का निलंबन खुद ब खुद हो जाए जो लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी के पास आ जाते हैं या फिर सदन के कामकाज में जान-बूझकर बाधा पहुंचाते हैं.

विपक्षी दलों के कई सांसद और समिति के सदस्य इस बैठक में मौजूद नहीं थे. यह चर्चा लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की अध्यक्षता में हुई बैठक में की गई. लोकसभा के भीतर सांसदों द्वारा तख्तियां लाने और हंगामा करने से नाराज महाजन ने इस समिति की बैठक बुलाई थी. बैठक में सदस्यों ने सुझाव दिया कि लोकसभा के कामकाज संबंधी उस नियमों में संशोधन किया
जाए जो सदस्यों के निलंबन से जुड़ा है.

वर्तमान में भी लोकसभा अध्यक्ष किसी सांसद को सस्पेंड कर सकते हैं, लेकिन उसके लिए उन्हें बर्खास्त सांसद का नाम लेना होगा. जिस प्रस्ताव पर विचार किया गया है उसके नियम बन जाने के बाद लोकसभा अध्यक्ष को बर्खास्त करने के लिए सांसद का नाम नहीं लेना पड़ेगा.

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