बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री को कई समस्याओं को लेकर 11 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
एक चिकित्सक ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, “वह निमोनिया से पीड़ित थे और गुर्दा सहित उनके कई प्रमुख अंगों ने काम करना बंद कर दिया था. उन्हें अंतिम दिन ईसीएमओ सपोर्ट पर रखा गया था.”
घर पहुंचा अटल बिहारी बाजपेयी का पार्थिव शरीर, सामने आई निधन के बाद पहली तस्वीर
एसीएमओ के जरिये ऐसे मरीजों को दिल और श्वसन संबंधी सपोर्ट दिया जाता है, जिनके हृदय और फेफड़े सही तरीके से अपना काम नहीं कर पाते हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री को गुर्दे और मूत्र नली के संक्रमण, कम मूत्र होने और सीने में जकड़न की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. चिकित्सकों ने कहा कि समय-समय पर उनकी डायलिसिस की जा रही थी.
अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर बोले पीएम मोदी- 'नि:शब्द हूं, शून्य में हूं'
वाजपेयी मधुमेह से पीड़ित थे और उनका केवल एक गुर्दा ही काम कर रहा था. वर्ष 2009 में उन्हें आघात लगा था जिससे उनकी संज्ञानात्मक क्षमताएं कमजोर हो गयी थीं . और कुछ समय बाद उन्हें डिमेंशिया हो गया था.
देश के सबसे करिश्माई नेताओं में से एक वाजपेयी का आज एम्स में निधन हो गया. वह 93 साल के थे.