दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक को फर्जीवाड़े के आरोप में गिरफ्तार किया है. आरोपी के ऊपर पंजाब नेशनल बैंक (PNB) का 518 करोड़ रुपए का लोन था, जिसे वह चुका नहीं पाया और 2008 में उसे एनपीए घोषित कर दिया गया. जब सरकार ने उसकी संपत्ति को जब्त करना चाहा, तो उसने अपने साथियों के साथ मिलकर वित्त मंत्रालय का एक फर्जी दस्तावेज तैयार करवाया. लेकिन जब उसका यह फर्जीवाड़ा सामने आया तो इस संबंध में पुलिस में एफआईआर दर्ज की गई.


हाल ही में ये आरोपी भारत आया क्योंकि इसकी एलओसी पुलिस ने खुलवाई हुई थी, तो एयरपोर्ट से इसकी जानकारी दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को दी गई. जिसके बाद आर्थिक अपराध शाखा ने इसे गिरफ्तार कर लिया. आरोपी का नाम भरत अमृतलाल पारिख है, जिसकी उम्र 76 साल है. उसकी कंपनी का नाम जीपीटी इंडस्ट्रीज लिमिटेड है, जो स्टील के उत्पाद इंपोर्ट एक्सपोर्ट करती है.


ईओडब्ल्यू की ज्वाइंट सीपी छाया शर्मा ने बताया कि इस घटना को लेकर वित्त मंत्रालय की ओर से आरोपी भरत अमृतलाल पारिख की कंपनी के खिलाफ फर्जी नोटिफिकेशन के इस्तेमाल की शिकायत मिली थी. जिसकी जांच करने पर पता चला था कि भरत अमृतलाल पारिख ने अपने कुछ सहयोगियों की मदद से फर्जी नोटिफिकेशन तैयार करवाया था, ताकि बैंक की एसएआरएफएईएसआई (SARFAESI) की प्रक्रिया पर रोक लगा रखी है. 


गुजरात के भुज से इसकी पुष्टि की गई. जिसके बाद एसीपी अनिल समोता की देखरेख में इंस्पेक्टर सुहैब अहमद फारुखी, एसआई कमल कोहली और कांस्टेबल बीर सिंह की टीम ने आरोपी की तलाश शुरू की और उसके खिलाफ एलओसी जारी करवाया. जब भरत अमृतलाल लंदन से दिल्ली पहुंचा तो आईजीआई एयरपोर्ट से ईओडब्लू को सूचना दी गयी, जिसके बाद आईजीआई एयरपोर्ट पर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया. 


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