नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान और उनके कुछ समर्थकों के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है. ये मामला एनआईए की शिकायत पर आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत दर्ज हुआ है. जानकारी के मुताबिक, अमानतुल्लाह पर दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष जफरूल इस्लाम खान के दफ्तर में एनआईए टीम की रेड के दौरान सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाने का आरोप लगा है.
दरअसल, राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने जम्मू कश्मीर के अंदर और बाहर संचालित हो रहे रजिस्टर्ड और गैर रजिस्टर्ड गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) की जांच की कड़ी में गुरुवार को कुछ और संगठनों पर छापे मारे. एनआईए की कई टीमों ने लगातार दूसरे दिन नौ स्थानों पर तलाशी ली, जहां दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष जफरूल इस्लाम खान के नेतृत्व वाले एनजीओ ‘चैरिटी एलायंस’ पर भी छापा मारा गया.
जिन नौ परिसरों में छापेमारी की गई, उनमें अनंतनाग में संचालित शबीर अहमद बाबा के नेतृत्व वाला ह्यूमन वेलफेयर फाउंडेशन,जम्मू-कश्मीर में प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामिया की अनुषंगी फलाह-ए-आम ट्रस्ट, जेके यतीम फांउडेशन, साल्वेशन मूवमेंट और जेके वॉइस ऑफ विक्टिम्स शामिल हैं. इनमें से कुछ संगठनों का नेतृत्व हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के जाफर अकबर सहित कट्टरपंथी अलगाववादी कर रहे हैं.
जफरुल इस्लाम खान का बयान
जफरुल इस्लाम खान ने कहा कि कश्मीरी आतंकवादियों से उनका कोई संपर्क या रिश्ता नहीं है, और उन्हें इस बात का अंदेशा है कि उन्हें आतंकवाद या दंगों के किसी मामले में "फंसाया " जा सकता है. खान ने ट्विटर पर दावा किया कि उनके यहां छापा मारने का आदेश "ऊपर " से आया है और एनआईए के अधिकारी उनके घर पर दीवार फांदकर कर घुसे जिससे उनकी "बेसब्री " प्रदर्शित होती है.
उन्होंने ट्वीट किया, "हालांकि मेरा कश्मीरी आतंकवादियों से कोई संबंध नहीं है, यहां तक कि कोई संपर्क नहीं है और कई सालों से कश्मीर तक नहीं गया हूं. ऐसा लगता है कि यह आतंकवाद या दंगे के किसी मामले में मुझे फंसाने की कोशिश है."
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