नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों और ऑक्सीजन की कमी के मुद्दे पर जमकर राजनीति शुरू हो गई है. वहीं कोर्ट में लगातार सुनवाई भी जारी है. कोर्ट हो या बाहर, आम आदमी पार्टी सरकार के नेताओं ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि दूसरे राज्यों को मांग के हिसाब से उनको ऑक्सीजन मुहैया कराई जा रही है जबकि दिल्ली का ऑक्सीजन का कोटा राज्य की जरूरत के हिसाब से काफी कम रखा गया है. 


दिल्ली हाई कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि फिलहाल आज की तारीख में दिल्ली को उसके कोटे की 490 मेट्रिक टन नहीं मिल रही है. जबकि देश के कई राज्यों को उनकी मांग के मुताबिक उससे ज्यादा भी ऑक्सीजन दी जा रही है. 


दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के कुछ ही देर बाद आम आदमी पार्टी प्रवक्ता और विधायक राघव चड्ढा ने इसको लेकर ट्वीट किया और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्हीं आरोपों को दोहराया. राघव चड्ढा ने केंद्र सरकार पर पक्षपाती रवैया का आरोप लगाते हुए जो आंकड़े पेश किए उसके मुताबिक, दिल्ली में कुल 16,272 Non ICU बेड्स हैं. केंद्र सरकार के फॉर्मूले के हिसाब इन बेड्स को संचालित करने के लिए 305 MT oxygen की आवश्यकता होगी. 


इसके अलावा छोटे नर्सिंग होम में 100 ICU बेड्स और हैं जिन्हें संचालित करने के लिए 120 MT oxygen की आवश्यकता होगी. 15,000 नये oxygen बेड्स तैयार करने के लिए 280 MT oxygen की आवश्यकता होगी. कुल मिलाकर दिल्ली में Non ICU बेड्स को संचालित करने के लिए 704 MT oxygen की आवश्यकता है. 


दिल्ली में कुल 4,866 ICU बेड्स हैं. 10 मई तक 1200 और ICU बेड्स तैयार हो जाएंगे, यानी कुल 6,066 ICU बेड्स उपलब्ध होंगे. केंद्र सरकार के फॉर्मूले के हिसाब से 6,066 ICU बेड्स को संचालित करने के लिए 272 MT oxygen की आवश्यकता होगी. 


दिल्ली को अपने सभी बेड्स की oxygen supply सुचारू रखने के लिए 704+ 272 = 976 MT oxygen की आवश्यकता है और ये सारी caculation केंद्र सरकार के फॉर्मूले पर आधारित है. 


राघव चड्ढा ने आरोप लगाया कि दिल्ली को 976 MT oxygen की आवश्यकता है. वही केंद्र सरकार दिल्ली को केवल 480 MT oxygen दे रही है, जो कुल demand का आधा है. वहीं देश के अन्य राज्यों को केंद्र सरकार demand के हिसाब से और कहीं कहीं तो demand से अधिक oxygen मुहैया करा रही है. 


इसी आधार पर आप नेता ने फिर दिल्ली सरकार और दिल्ली वालों के साथ दोहरा मापदण्ड का आरोप लगाया. आम आदमी पार्टी द्वारा उठाये जा रहे सवालों का जवाब देते हुए केंद्र सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि ये सच है कि दिल्ली को 490 MT नहीं मिल रहा लेकिन 340 से 370 MT दिया जा रहा है. वो अभी की मौजूदा ज़रूरत को देखते हुए किया गया है.


केंद्र सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि हम दिल्ली सरकार की ऑक्सीजन लाने में मदद कर रहे हैं. लेकिन दिल्ली सरकार को जितना अलॉट किया गया है वो उसको मंगा ही नहीं पा रहे, जबकि दूसरे राज्य खुद ऐसा इंतजाम कर रहे हैं कि उनको जितनी ऑक्सीजन अलॉट की गई है वो उसको मंगा रहे हैं. 


केंद्र सरकार के वकील के तर्ज पर ही आम आदमी पार्टी के नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों पर बीजेपी के नेताओं ने भी आम आदमी पार्टी सरकार पर पलटवार करते हुए दिल्ली में ऑक्सीजन की किल्लत की वजह आप सरकार की नाकामी को ठहराया. यानी दिल्ली में ऑक्सीजन के मुद्दे पर जमकर राजनीति चल रही है. लेकिन सबके बीच अगर कोई पिस रही है तो वह है दिल्ली की आम जनता. जो ऑक्सीजन की कमी के चलते एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल का चक्कर काट रहे हैं और इसी दौरान कई मरीजों की जान तक जा चुकी है.