Surat Rape Case: 28 दिनों में ढाई साल की बच्ची को मिला इंसाफ, कोर्ट ने रेप के दोषी को सुनाई फांसी की सजा
Surat Court: 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से किसी भी तरह का सेक्सुअल व्यवहार Protection of Children from Sexual Offences (POCSO) के दायरे में आता है
Surat Court: गुजरात के सूरत जिले में एक कोर्ट ने ढ़ाई साल की एक बच्ची से रेप के आरोपी को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है. पुलिस ने इस केस की तेजी से जांच करते हुए 7 दिनों में इस मामले की चार्जशीट कोर्ट में फाइल कर दी थी. चार्जशीट फाइल होने के कुल 28 दिनों के भीतर इस मामले में फैसला देते हुए कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई.
Gujarat: A Court in Surat awards death sentence to the convict in the rape case of a 2.5-year-old girl in Pandesara, Surat.
— ANI (@ANI) December 7, 2021
The Court pronounced its judgement within 28 days, chargesheet was filed before the court within 7 days.
क्या कहता है पॉक्सो कानून?
18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से किसी भी तरह का सेक्शुअल व्यवहार Protection of Children from Sexual Offences (POCSO) के दायरे में आता है. पॉक्सो को हिंदी में लैंगिक उत्पीड़न से बच्चों के संरक्षण का अधिनियम कहा जाता है. ये कानून लड़के और लड़की को समान रूप से सुरक्षा प्रदान करता है. इस एक्ट के तहत बच्चों को सेक्शुअल असॉल्ट, सेक्शुअल हैरेसमेंट और पोर्नोग्राफी जैसे अपराधों से प्रोटेक्ट किया गया है. 2012 में बने इस कानून के तहत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा तय की गई है.
कानून बनने के बाद POCSO एक्ट में कई संशोधन भी हुए हैं. संशोधन के बाद 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप के मामलों में मौत की सजा का प्रावधान किया गया. वहीं, 16 साल से कम उम्र की लड़की से रेप करने पर न्यूनतम सजा को 10 वर्ष से बढ़ाकर 20 वर्ष किया गया है.