नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के सीनियर अफसर के मुताबिक दिल्ली हिंसा एक बड़ी सुनियोजित साजिश का परिणाम हो सकती है. क्योंकि इन दंगों में जिस तरीके से पिस्तौल और देसी कट्टों का इस्तेमाल हुआ, जमकर गोलियां चलीं वो दंगो में नहीं होता है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक अधिकतर लोगों की मौत गोली लगने से हुई है. कई लाशों के शरीर पर पांच-पांच गोलियां लगी हुईं हैं . जिनमें से कई को प्वाइंट ब्लैंक, माथे पर गोली मारी गई है.


उन्होंने कहा कि दंगों के दौरान ऐसा देखने को कम मिलता है. दंगों में अक्सर दोनों तरफ से जमकर पथराव होता है या फिर आगजनी होती है. लेकिन जिस तरीके से दिल्ली हिंसा में गोलियां चली करीब 100 लोगों को गोली लगने के बाद अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा और जिस तरीके से दंगाइयों ने माथे पर गोली मारकर हत्या की वह अचानक हुए दंगों में नहीं हो सकता. यही वजह है कि पुलिस के अधिकारी को शक है कि इन दंगों में बाहर से लोगों को सुनियोजित तरीके से बुलाया गया था और फिर लोगों की हत्या की गई.


पुलिस को एक शख्स कि खोपड़ी और एक जगह पैर भी मिले


पुलिस के उस अधिकारी ने बताया की हिंसा में एक शख्स का पैर और खोपड़ी भी मिली है. बाकी शरीर का हिस्सा गायब है. इस तरीके से भीड़ हिंसा नहीं कर सकती. ऐसा लगता है कि सुनियोजित तरीके से बाहर के लोगों को दिल्ली लाया गया और फिर हिंसा भड़काई गई. इससे पहले कुछ साल पहले दिल्ली के त्रिलोक पूरी इलाके में दो समुदाय के बीच हुए उपद्रव में भी इस तरीके से गोलियां नहीं चली थी. लेकिन उत्तर पूर्वी दिल्ली में उपद्रवियों ने जमकर गोलिया चलाई.


पुलिस ने हाल ही में पकड़े थे कई बड़े इल्लीगल आर्म्स सप्लायर


पुलिस सूत्रों ने बताया की हाल ही में स्पेशल सेल ने बड़ी संख्या में अवैध हथियारों को बरामद किया था. इन हथियारों को एमपी और उत्तर प्रदेश से दिल्ली लाया गया था. जरूरत है इन गैंग मैम्बर से भी पूछताछ करने की जिससे इन हिंसा के पीछे असली साजिशों का पता लगाया जा सके.


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