नवी मुंबई के ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के नामकरण को लेकर विवाद सामने आ गया है. इसके तहत बाद ये मांग भी सामने आई कि भारत में सिविल एविएशन लाने वाले जेआरडी टाटा के नाम पर इसका नाम रखा जाए और ये मांग जेआरडी टाटा के परिवार के सदस्य की तरफ से उठाई गई है.
परिवार के सदस्य ने दिया ये तर्क
टाटा परिवार की सदस्य पिलू टाटा ने कहा कि मैं पूरे सम्मान के साथ ये राय देना चाहता हूं कि नवी मुंबई में बने ग्रीनफील्ड हवाइ अड्डे का नाम फादर ऑफ इंडियन एविएशन, जेआरडी टाटा के नाम पर रखा जाए. पिलू टाटा मिनोकर टाटा की विधवा हैं जिनके दादा, टाटा ग्रुप के फाउंडर जमशेद जी टाटा के सगे भाई थे.
नामकरण पर चल रहा है विवाद
महाराष्ट्र सरकार ने नवी मुंबई के ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का नाम शिवसेना के दिवंगत प्रमुख बाला साहेब ठाकरे के नाम पर रखने का निर्णय लिया था. जबकि इस प्रोजेक्ट से ग्रसित स्थानीय लोगों का कहना था कि स्वर्गीय डीबी पाटिल के नाम पर इसका नामकरण हो लेकिन अब इस विवाद में भारतीय एविएशन के इतिहास से जुड़े जहांगीर रतनजी टाटा का नाम भी जुड़ गया है.
जेआरडी टाटा का है स्वर्णिम एविएशन इतिहास
जेआरडी टाटा ने 1932 में भारत में एविएशन की ऐतिहासिक पहली उड़ान भरी थी जिसमें वो कराची से एयरमेल मुंबई लाए थे. उनके नाम पर ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के नामकरण की अपील करने वाली टाटा परिवार की सदस्य ने कहा, “मैं अथॉरिटीज से अपील करूंगी कि अंतर्राष्ट्रीय पैसेंजर एयरलाइंस शुरू करने वाले और सिविल एविएशन के पहले शख्स के नाम पर इस एयरपोर्ट का नाम रखा जाए."
जेआरडी इस ऑनर के सबसे बड़े हकदार
"मैं अपील करती हूं कि नवी मुंबई एयरपोर्ट का नाम जेआरडी टाटा एयरपोर्ट रखा जाए”. उन्होंने ये भी कहा कि एयरपोर्ट का नाम जेआरडी टाटा के नाम पर रखे जाने के वो सबसे ज्यादा हकदार भी हैं. उनका नाम हमेशा भारतीय एविएशन से जुड़ा रहना चाहिए और याद रखा जाना चाहिए.
भारत के अलावा दुनिया के बहुत सारे देशों में एयरपोर्ट के नाम 20वीं शताब्दी के एविएशन पायनियर्स के नाम पर रखे गए हैं. दुनिया में ऐसे कई उदाहरण हैं. लेकिन भारत मे अगर जेआरडी टाटा के नाम पर एयरपोर्ट का नाम रखा जाता है तो शायद अपने आप में पहली मिसाल होगी.
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