चेन्नई: चेन्नई के कोडुनगायुर में एक हाई स्कूल टीचर पीके इलमरन वो कर रहे हैं जिससे पूरे देश की शिक्षा व्यवस्था से जुड़े लोग प्रेरणा ले सकते हैं. वो अपने स्कूल के बच्चों को सिर्फ शिक्षा नहीं बल्कि पोषण भी दे रही हैं. उन्होंने ये कदम तब उठाया जब उन्होंने स्कूल आने वाले बच्चों की हालत पर ग़ौर किया.


अपने पैसों से कराते हैं 120 बच्चों को नाश्ता
दरअसल, इलमरन ने देखा कि जो बच्चे बिना नाश्ता किए स्कूल आ रहे हैं उन्हें हीट स्ट्रोक और पेट दर्द की शिकायत हो रही है. ये देखने के बाद उन्होंने फैसला किया कि वो सिर्फ बच्चों को शिक्षित ही नहीं करेंगे, बल्कि उनका पेट भी भरेंगे. टीओआई में छपी एक ख़बर में बताया गया है कि अब वो स्कूल के 120 बच्चों के लिए अपने पैसों से नाश्ते का बंदोबस्त कर रहे हैं.


गरीबी के वजह से भूखे रहते थे बच्चे
इसपर बात करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें बच्चों के साथ नाश्ते का समय बिताना अच्छा लगता है और वो अम्मा कैंटीन से इनके लिए इडली और पोंगल खरीदते हैं ताकि उनके नाश्ते का बंदोबस्त हो सके. आपको बता दें कि इलमरन तमिलनाडु टीचर्स असोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं. आठवीं और नौवीं में पढ़ाने वाले शिक्षकों ने पहली से दसवीं क्लास तक के उन बच्चों की लिस्ट बनाई जो गरीबी की वजह से नाश्ता नहीं कर पाते.


प्रिंसपल और स्कूल के पहल से बनता बच्चों का भविष्य
लिस्ट तैयार किए जाने के बाद सुबह 7.30 बजे से 8 बजे के बीच इन बच्चों को नाश्ता दिया जाने लगा. बच्चों को नाश्ता दिया जाने जैसे स्कूल ने कई और पहलें की हैं. आपको बता दें कि स्कूल के प्रिंसपल मुनी रमैया की स्कूल में बच्चों और शिक्षकों की संख्या बढ़ाने में बड़ी भूमिका रही है. उन्हीं के प्रयासों की वजह से स्कूल में बच्चों की संख्या 370 से बढ़कर 900 के पार चली गई. वहीं उनके आने के बाद स्कूल में शिक्षकों की संख्या 11 से 35 हो गई.


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