देश भर में कोरोना के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं. ज्यादातर मामलों में ऑक्सीजन लेवल कम होने से मरीज की हालत गंभीर होती है और कई बार की मौत की वजह भी बन जाती है. कई लोग होम आइसोलेशन में रह रहे हैं और कई बार उन्हें यह चिंता सताती है कि अगर अचानक ऑक्सीजन या मेडिकल सपोर्ट की जरूरत पड़ जाए तो वो क्या करेंगे. ऐसे ही लोगों की समस्या का हल निकालने के लिए घर पर ही एक आईसीयू बेड जैसी सुविधा उपलब्ध करा रही है अम्बरीश मिश्रा की कंपनी एचडीयू हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड. ये सरकारी मान्यता प्राप्त सुविधा है और दिल्ली और मुंबई में अब तक 460 मरीज़ इस सुविधा का लाभ ले चुके हैं. 10,000 रुपये प्रतिदिन एक बेड.


हॉस्पिटल के ICU बेड की तरह ही बेड के साथ ऑक्सीजन सपोर्ट और पूरी मॉनिटरिंग की सुविधा भी दी जाती है. एक सेट अप में ऑक्सिजन सिलेंडर, ऑक्सिजन कॉनसन्ट्रेटर, कार्डियक मॉनिटर, पोर्टेबल वेंटिलेटर समेत एक नर्स भी होती है. इसके साथ ही काउंसिलिंग के लिये एक क्वालिफाइड डॉक्टर भी ऑनलाइन उपलब्ध रहते हैं. मरीज़ की अपडेट व्हाट्सएप ग्रुप के जरिये रोज़ डॉक्टर और मरीज़ के रिश्तेदारों के साथ साझा की जाती है. घर में इलाज के लिए मरीज़ के साथ एक नर्स रहती है जो डॉक्टर की मॉनिटरिंग में काम करती है. कोविड-19 के मरीज़ों के साथ रहने वाले पैरामेडिक या नर्सों का किसी नए मरीज़ के पास जाने से पहले और बाद में टेस्ट किया जाता है.


ICU सेट अप दिखाते हुए नर्सिंग मैनेजर और नर्स के साथ बातचीत है


एचडीयू हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड के मालिक अम्बरीश मिश्रा का कहना है कि इस सुविधा से मरीज़ मानसिक स्तर पर भी असर पड़ता है. वो अपने परिवार के बीच रह सकता है और सभी इमरजेंसी सुविधा घर पर उपलब्ध रहती हैं. अगर मरीज़ का ऑक्सीजन लेवल 88 से कम होता है तब उसको अस्पताल भेजना होता है. पोर्टेबल वेंटिलेटर की सुविधा इसलिये दी जाती है कि अगर मरीज़ बहुत ज़्यादा गम्भीर हो जाये और उसे अस्पताल तक ले जाना हो तो डॉक्टर की सलाह के मुताबिक वेंटीलेटर का इस्तेमाल किया जा सकता है.


हालांकि ये सुविधा अस्पताल का विकल्प नहीं है लेकिन ऐसे मरीज़ जिनमे संक्रमण का स्तर कम है और वो घर पर ही इलाज करा रहे हैं वो इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.