नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने केंद्रीय बजट पर टिप्पणी करते हुए उसे शिक्षा के लिहाज से ऐतिहासिक बताया है. उनका कहना है कि सरकार ने स्कूलों समेत भारतीय भाषाओं के सशक्तिकरण का बीड़ा उठाया है. 100 सैनिक स्कूलों की स्थापना के अलावा मातृभाषा में शिक्षक और इंजीनियर के लिए उच्चतर शिक्षा आयोग का गठन किया गया. उन्होंने उम्मीद जताई कि आयोग बहुत प्रभावी तरीके से अपना काम करेगा.


शिक्षा के लिहाज से केंद्रीय बजट ऐतिहासिक-पोखरियाल


उन्होंने प्रधानमंत्री की दृष्टि की सराहना करते हुए बताया कि नरेंद्र मोदी खुद चाहते हैं कि मातृभाषा में शिक्षक और इंजीनियर भी हो. उच्चतर शिक्षा आयोग के तहत परिषदों का गठन किया गया है. उनका ये भी कहना है कि अब पढ़ने के लिए भारतीय बच्चों को विदेशों का रुख नहीं करना पड़ेगा. उनके लिए देश के अंदर भी अनुसंधान का नारा दिया गया है. अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान परिषद का गठन किया गया है. पहली बार बजट में उसके लिए 50 हजार करोड़ के फंड का प्रावधान किया गया है. ये रकम अपने आप में ऐतिहासिक है.


'विपक्ष को लोगों ने सुनना और विश्वास करना बंद कर दिया है'


उन्होंने कहा कि बजट में इसका प्रावधान होने से देश के 8 लाख छात्र योजना का फायदा उठा सकेंगे. उन्होंने आगे बताया कि बजट को देखकर कहा जा सकता है कि सही मायने में स्वर्णिम भारत की आधारशिला रखी गई है. जम्मू-कश्मीर के हवाले से उन्होंने देश में आजादी के बाद बहुत बड़ा सामाजिक परिवर्तन बताया. रमेश पोखरियाल ने बजट पर विपक्ष के सवालों का भी जवाब दिया. उन्होंने पलवार करते हुए कहा कि लोगों ने विपक्ष की बातों को सुनना और विश्वास करना बंद कर दिया है. आलोचना तो कभी भी कोई भी कर सकता है, मगर ये सबसे सस्ता तरीका है.


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