नई दिल्ली: नोटबंदी के दौरान फर्जी तरीके से अलग-अलग बैंकों में 7 अकाउंट खुलवा कर लगभग 9 करोड रुपए की काली कमाई को व्हाइट करने वाले धोखेबाज को आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी के खिलाफ वर्ष 2018 में मामला दर्ज किया था, लेकिन अभी तक उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सका था. पुलिस का कहना है कि आरोपी पुलिस से बचने के लिए यमुनापार, रोहिणी और नोएडा के इलाकों में रह रहा था. फिलहाल उसे जहां से गिरफ्तार किया गया है, वह एक पेइंग-गेस्ट अकोमोडेशन है, जो यमुनापार के नवीन शाहदरा में स्थित है.
क्या है मामला
आर्थिक अपराध शाखा के ज्वाइंट कमिश्नर पुलिस ओपी मिश्रा के अनुसार 2016 में जब नोट बंदी का ऐलान किया गया था. उसके कुछ समय बाद इनकम टैक्स में अपनी जांच में पाया कि कुछ बैंकों में 7 खाते ऐसे खोले गए हैं, जिनमें बेहद कम समय के अंदर ही लगभग 9 करोड रुपए की पुरानी करेंसी जमा कराई गई और यह सभी अकाउंट किसी न किसी फर्म के नाम पर हैं. सबसे ज्यादा हैरानी की बात यह है कि अधिकांश फर्म शाहदरा इलाके में स्थित एक ही पते पर खुली हुई है. इतना ही नहीं कुछ बैंक अकाउंट पर फोटो भी एक ही व्यक्ति की है, लेकिन उनके नाम अलग-अलग हैं और मोबाइल नंबर एक ही है. शक के आधार पर इनकम टैक्स में नोटिस देकर इस व्यक्ति को पूछताछ के लिए बुलाया. इनकम टैक्स विभाग के सामने इस व्यक्ति ने अपनी पहचान गौरव सिंघल के तौर पर बताई और यह स्वीकार किया कि उसने फर्जी नाम पर अलग-अलग बैंकों में खाते खुलवाए हैं. इनकम टैक्स विभाग ने रिपोर्ट तैयार करने के बाद इस व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की सिफारिश की, जिसके आधार पर वर्ष 2018 में ईओडब्ल्यू में एफआईआर दर्ज कर ली गयी. लेकिन उसके बाद से ही आरोपी फरार हो गया.
2 साल के बाद हुई गिरफ्तारी
पुलिस का कहना है कि लगभग 2 साल से इसकी तलाश की जा रही थी. इस सिलसिले में कई जगहों पर छापेमारी भी की गई थी. हाल ही में पुलिस को सूचना मिली कि गौरव सिंघल नवीन शाहदरा इलाके में रह रहा है, जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. उसने फर्जी पैन कार्ड, वोटर कार्ड आदि की मदद से बैंक एकाउंट खुलवाए थे. जिस पते पर अलग अलग फर्म रजिस्टर्ड करवाई गईं थी, वह एक छोटा सा कमरा है.