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तब्लीगी जमात में कई तरह से होती थी फंडिंग, पैसों का हिसाब रखते थे मौलाना साद और उसके बेटे

तब्लीगी जमात मामले में एक नया खुलासा हुआ है.जमात में कई तरह से फंडिंग होती थी और पैसों का हिसाब मौलाना साद समेत उसके बेटों और भांजे के पास रहता था.

नई दिल्ली: तब्लीगी जमात मामले में पूछताछ के दौरान नया खुलासा सामने आया है. जिससे पता चलता है कि जमात में कई तरह से फंडिंग होती थी. बयानों में यह बात भी सामने आई है कि खातों का हिसाब मौलाना साद का बेटा और भांजा रखता था. अब इन चारों से पूछताछ की तैयारी की जा रही है.

जांच एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक तब्लीगी जमात मामले में अब तक दिल्ली पुलिस और प्रवर्तन निदेशालय ने 14 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की है. इस पूछताछ के दौरान विस्तार से तब्लीगी जमात में होने वाले क्रियाकलापों के बारे में भी लोगों से जानकारी मांगी गई थी.

कई लोगों की टुकड़ियां जमात के नाम जाती थी बाहर

जांच एजेंसी के एक आला अधिकारी के मुताबिक पूछताछ के दौरान पता चला है कि तब्लीगी जमात मुख्यालय से कई लोगों की टुकड़ियां जमात के नाम पर बाहर जाती थी. कौन सी टुकड़ी कहां जाएगी यानी किस इलाके में जाएगी उसका निर्णय खुद मौलाना साद करता था.

सूत्रों कहना है कि इसके बाद इस टुकड़ी को बताया जाता था कि इस काम में कितना पैसा खर्च होगा. मसलन आने जाने का, रहने खाने का और अन्य खर्चों का. सूत्रों का कहना है कि ऐसी टुकड़ियां जो बाहर जाती थी उसमें शामिल लोगों के आधार पर पैसों का खर्च बताया जाता था. मतलब उसमें जो लोग जा रहे हैं उनका आर्थिक आधार कैसा है, उन में कितने विदेशी हैं और वह कितने संपन्न हैं.

अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग खर्चे

अलग-अलग जगहों पर जाने वाली जमातों को अलग-अलग खर्चे बताए जाते थे. इसके बाद जाने वाली जमात से यह पैसा जमा करा लिया जाता था. साथ ही टुकड़ी में से एक शख्स को जमात का लीडर बना दिया जाता था. जिसके पास पैसे खर्च करने का अधिकार होता था.

सूत्रों का कहना है कि जमात की टुकड़ी जिन इलाकों में जाती थी अमूमन वहां पर यह लोग मस्जिदों में रहते थे. साथ ही स्थानीय लोगों के घरों में खाते पीते थे. ऐसे में इन लोगों का खर्च बेहद कम होता था. पूछताछ के दौरान इस तरह के तथ्य सामने आए हैं कि जो पैसा बच जाता था वह जमात मुख्यालय का मान लिया जाता था.

पैसों का हिसाब मौलाना साद समेत बेटों और भांजे के पास

पूछताछ के दौरान यह तथ्य सामने आए हैं कि पैसों का लेन देन अलग-अलग लोग करते थे लेकिन पैसों वाले खाते का हिसाब मौलाना साद की तीन बेटों मोहम्मद यूसुफ मोहम्मद सईद और मोहम्मद इलियास के साथ-साथ मौलाना साद के भांजे ओवैस के पास रहता था.

जांच एजेंसी के आला अधिकारी ने बताया कि सामने आए तथ्यों को जांचा जा रहा है. साथ ही उनकी तह तक पहुंचने के लिए मौलाना साद के तीन बेटों और भांजे से पूछताछ की तैयारी की जा रही है. अधिकारी ने कहा कि अभी यह आरंभिक तथ्य हैं. इनकी जांच के दौरान यह देखने की कोशिश की जा रही है कि अवैध लेनदेन कितना हुआ है और  किस तरीके से हुआ है. इन लोगों की पूछताछ के बाद मौलाना साद को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है.

मामले की जांच जारी

जांच एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि पैसे को लेकर जो तथ्य सामने आए हैं उन से पता चला है कि जमात को इस नगद फंडिंग के अलावा बाहर से आने वाला पैसा भी मिलता था. साथ ही जमात बाहर पैसे क्यों भेजता था यह अपने आप मे अभी भी रहस्य है.

इस रहस्य के तारों को खोलने की कोशिश की जा रही है. साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि इन लोगों ने धर्म के नाम पर आयकर विभाग से मिलने वाली छूट ली हुई थी या नहीं. अगर नहीं ली हुई थी तो क्या इन पैसों का हिसाब आयकर विभाग को दिया जाता था या नहीं. जांच अभी जारी है.

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